एरॉन वेल्स: एयर फ़ोर्स इंजीनियर से जॉन डियर के ऑटोनॉमस ट्रैक्टर लीडर तक का सफ़र
जॉन डियर में ऑटोनॉमस ट्रैक्टर टेक्नोलॉजी को नया आयाम देने वाले एरॉन वेल्स। (एयर फ़ोर्स से खेतों तक – एरॉन वेल्स की अनोखी यात्रा)
विस्कॉन्सिन (अमेरिका) के छोटे से कस्बे से निकलकर आसमान में उड़ते F-16 लड़ाकू विमान को दुरुस्त करने से लेकर खेतों में चलने वाले बिना ड्राइवर के ट्रैक्टर तक – यह यात्रा किसी सपने से कम नहीं। एरॉन वेल्स ने अपने करियर की शुरुआत यू.एस. एयर फ़ोर्स से की थी, जहां वे दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में तैनात रहे। वे बताते हैं – “मैं F-16 का लगभग हर खराबी ठीक कर सकता था। इटली में रहना, अफ्रीका और मिडल ईस्ट घूमना – यह एक अद्भुत अनुभव था।”
आज वही अनुभव और जज़्बा, उन्हें जॉन डियर और ब्लू रिवर टेक्नोलॉजी में नई ऊँचाइयों पर ले आया है। यहाँ वे परसेप्शन सिस्टम और सॉफ़्टवेयर इंजीनियरिंग की अगुवाई कर रहे हैं, जिससे ट्रैक्टर बिना ड्राइवर के खेतों में सटीक और भरोसेमंद तरीके से काम कर सकें।
“मशीन से आगे – यह किसानों के लिए असर है”
एरॉन मानते हैं कि इंजीनियरिंग का असली मक़सद समाधान देना है। वे कहते हैं – “हम ऐसी तकनीक बना रहे हैं जो किसानों को समय बचाने, लागत घटाने और काम को और प्रभावी बनाने में मदद करे। ऑटोनॉमस ट्रैक्टर खेती के लिए ‘स्विस आर्मी नाइफ़’ की तरह है – एक ऐसा साधन जो कई काम आसान कर सकता है।”
किसानों के जीवन पर इसका असर भी साफ़ दिखने लगा है। एक किसान बैट्सी ने एरॉन को बताया – “ये पहली बार था जब मैंने कटाई के मौसम में गरम खाना खाया। इससे पहले कभी समय नहीं मिला।” एरॉन के लिए यह पल बेहद ख़ास था – क्योंकि यही उनके सात साल की मेहनत का असली नतीजा था।
छह लोगों की टीम से लेकर ग्लोबल इनोवेशन तक
ब्लू रिवर टेक्नोलॉजी का शुरुआती सफ़र भी काबिल-ए-गौर है। एक योगा स्टूडियो में सिर्फ़ छह लोगों की टीम, बीच-बीच में प्लैंक कॉम्पिटीशन और अनगिनत डिबगिंग से शुरू होकर आज यह टीम वैश्विक स्तर पर स्केलेबल ऑटोनॉमस प्लेटफ़ॉर्म तैयार कर रही है।
एरॉन कहते हैं – “आज हमारे पास यह क्षमता है कि एक नया आइडिया सिर्फ़ 10 दिन में किसान की मशीन पर हक़ीक़त बन सकता है। हमारा मक़सद है कि उत्पाद सुधार किसान के लिए रोज़मर्रा की आदत जितना आसान लगे – दाँत ब्रश करने जैसा, न कि डॉक्टर के पास जाने जैसा है
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