कार्बन न्यूट्रल भारत 2070 विजन: ग्रीन एनर्जी और एथेनॉल इकोनॉमी पर फोकस
नितिन गडकरी बोले – 2070 तक कार्बन न्यूट्रल भारत का संकल्प
नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को 2070 तक कार्बन न्यूट्रल बनाने के संकल्प की दिशा में निर्माण क्षेत्र में कई हरित पहल (Green Initiatives) को लागू किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि “स्वच्छता ही सेवा” पखवाड़े के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्गों, वे-साइड अमेनिटीज, ढाबे और टोल प्लाज़ा पर देशभर में 13,000 स्थानों पर स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है, जिनमें से लगभग 7,000 स्थानों पर कार्य पूर्ण हो चुका है।
एथेनॉल इकोनॉमी (Ethanol Economy)
श्री गडकरी ने कहा कि वे एथेनॉल अर्थव्यवस्था के बड़े समर्थक हैं और इसे बढ़ावा देने से कृषि विकास दर में 6% तक की वृद्धि संभव है।
- लक्ष्य है 2 लाख करोड़ रुपये की एथेनॉल इकोनॉमी।
- दिल्ली में विश्व की पहली BS-6 कम्प्लायंट फ्लेक्स फ्यूल स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कार लॉन्च की गई है, जो 100% एथेनॉल पर चलेगी।
- इससे अर्थव्यवस्था को 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत होगी।
- इंडियन ऑयल (IOCL) का पानीपत प्लांट धान के भूसे से एथेनॉल और बायो-बिटुमेन बना रहा है।
- 1 टन धान से 400-450 लीटर एथेनॉल तैयार किया जा सकता है।
सतत विमानन ईंधन (Sustainable Aviation Fuel)
उन्होंने बताया कि भारत में 2025 तक 1% Sustainable Aviation Fuel का उपयोग अनिवार्य किया जाएगा, जिसे आगे बढ़ाकर 5% तक ले जाया जाएगा।
- इंडियन ऑयल पानीपत में 87,000 टन SAF क्षमता वाला प्लांट स्थापित कर रहा है।
दूरसंचार टावर और ग्रीन एनर्जी
भारत में लगभग 6 लाख मोबाइल टावर हैं, जो पारंपरिक रूप से डीजल जेनरेटर से चलते हैं।
- प्रत्येक टावर लगभग 8,000 लीटर डीजल सालाना खपत करता है।
- इससे 250 करोड़ लीटर डीजल की खपत होती है, जिसकी लागत लगभग 25,000 करोड़ रुपये है।
- अब 100% एथेनॉल से चलने वाले जेनसेट विकसित हो चुके हैं।
- श्री गडकरी ने कहा कि वे जेनसेट इंडस्ट्री को केवल एथेनॉल आधारित जेनरेटर पर शिफ्ट करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
हाइड्रोजन – भविष्य का ईंधन
श्री गडकरी ने कहा कि हाइड्रोजन ईंधन भविष्य की ऊर्जा है और इसके माध्यम से भारत ऊर्जा का शुद्ध निर्यातक (Net Exporter of Energy) बन सकता है।
भारत सरकार का लक्ष्य :
भारत सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि हरित प्रौद्योगिकी (Green Technology), एथेनॉल इकोनॉमी, सतत विमानन ईंधन और हाइड्रोजन के माध्यम से भारत को कार्बन न्यूट्रल बनाने के साथ-साथ स्वच्छ और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाया जाए।
अस्वीकरण: यह जानकारी द्वितीयक शोध के माध्यम से एकत्र की गई है और landlevellers इसमें किसी भी त्रुटि के लिए जिम्मेदार नहीं है।
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