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Escorts Kubota PRO588i-G launched in Haryana & Punjab with new tech

 Escorts Kubota ने पेश किया नया धान कटाई समाधान – ‘PRO588i-G’

Escorts Kubota PRO588i-G launched in Haryana & Punjab with new tech


भारत में खेती-किसानी लगातार नए बदलावों और तकनीकी नवाचारों के दौर से गुजर रही है। इसी क्रम में Escorts Kubota Limited ने एक और क्रांतिकारी कदम उठाते हुए ‘PRO588i-G’ नामक नया कुबोटा ब्रांड का कॉम्बाइन हार्वेस्टर पंजाब और हरियाणा के किसानों के लिए लॉन्च किया है। यह अत्याधुनिक हार्वेस्टर न केवल धान की कटाई और मड़ाई की समस्याओं का समाधान प्रदान करता है, बल्कि किसानों के लिए अतिरिक्त आमदनी का साधन बन सकता है और उत्तरी भारत में गंभीर वायु प्रदूषण की समस्या को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।


अवशेष प्रबंधन से लाभकारी विकल्प

पंजाब और हरियाणा में धान की कटाई के बाद खेतों में बचा हुआ पराली (stubble) अक्सर जलाया जाता है, जिससे न केवल मिट्टी की उर्वरता प्रभावित होती है, बल्कि वायु प्रदूषण का स्तर भी खतरनाक रूप से बढ़ जाता है। पारंपरिक हार्वेस्टर जहां फसल को ऊपर से काटते हैं, वहीं नया ESCORTS KUBOTA‘PRO588i-G’ कॉम्बाइन हार्वेस्टर फसल को जड़ के पास से काटता है। इससे पूरे लंबे डंठल (straw) की कटाई होती है, जिसे आसानी से इकट्ठा कर विभिन्न उपयोगों में लाया जा सकता है।

यह लंबा भूसा किसानों के लिए एक लाभकारी उत्पाद है, क्योंकि इसे पशु आहार के रूप में बेचा जा सकता है और बायोमास संयंत्रों में ऊर्जा उत्पादन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इस प्रकार यह मशीन किसानों को पराली जलाने के बजाय अतिरिक्त आय का अवसर देती है, साथ ही प्रदूषण कम करने में मददगार साबित होती है।


बासमती धान के लिए विशेष थ्रेशिंग मैकेनिज़्म

भारत में बासमती धान की विशेष पहचान उसकी लंबी और नाजुक दानों वाली किस्म से है। लेकिन पारंपरिक हार्वेस्टर के थ्रेशिंग (मड़ाई) मैकेनिज़्म के कारण अक्सर बासमती के लंबे दाने टूट जाते हैं, जिससे उसकी कीमत और निर्यात क्षमता प्रभावित होती है।

नई ESCORTS KUBOTA‘PRO588i-G’ मशीन में जापान में विकसित एक विशेष थ्रेशिंग तकनीक लगाई गई है, जो धान की मड़ाई के दौरान लंबे और नाजुक दानों को टूटने से बचाती है। इससे बासमती धान की गुणवत्ता बनी रहती है और उसका बाजार मूल्य बढ़ता है। निर्यात की दृष्टि से यह तकनीक किसानों के लिए एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का अवसर खोलती है।


हल्का वजन और मिट्टी की सेहत

भारतीय किसान लंबे समय से इस चुनौती का सामना कर रहे हैं कि भारी मशीनें खेतों में उपयोग के बाद मिट्टी को सख्त कर देती हैं। पारंपरिक कॉम्बाइन हार्वेस्टर का वजन लगभग 9000 किलोग्राम तक होता है, जिससे मिट्टी पर दबाव पड़ता है और अगली फसल के लिए खेत तैयार करने में अतिरिक्त लागत और मेहनत लगती है।

वहीं, नया ‘PRO588i-G’ मात्र 2700 किलोग्राम वज़न का है। इसका हल्का ढांचा मिट्टी की सख्तता को कम करता है और खेत को अगली फसल के लिए तैयार करने में किसान की लागत को घटाता है। इस प्रकार यह हार्वेस्टर मिट्टी की लंबी अवधि तक उपजाऊ क्षमता बनाए रखने में मदद करता है।


गीले खेतों में बेहतर प्रदर्शन

धान की कटाई प्रायः गीले और कीचड़ भरे खेतों में होती है। इस चुनौती को ध्यान में रखते हुए, नए PRO588i-G हार्वेस्टर को क्रॉलर (crawler) तकनीक से लैस किया गया है। इससे यह मशीन गीली मिट्टी में भी आसानी से चल सकती है और कामकाज बिना बाधा के जारी रहता है।

साथ ही इसमें एर्गोनॉमिक डिज़ाइन (ergonomic design) शामिल है, जिससे इसे संभालना आसान होता है और किसान लंबे समय तक लगातार काम कर सकते हैं। यह सुविधा किसानों की उत्पादकता और कार्य क्षमता दोनों को बढ़ाती है।


किसानों के लिए आर्थिक लाभ

ESCORT KUBOTA‘PRO588i-G’ न केवल पर्यावरणीय दृष्टि से उपयोगी है बल्कि यह किसानों के लिए आर्थिक रूप से भी फायदे का सौदा है।

  • पराली बेचकर अतिरिक्त आय।
  • बासमती धान का बेहतर दाम और निर्यात अवसर।
  • मिट्टी की कम सख्तता के कारण अगली फसल पर कम लागत।
  • हल्की मशीन से ईंधन और रखरखाव की बचत।

इस प्रकार, यह मशीन किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ उनकी खेती की कुल लागत को घटाती है।


Escorts Kubota के नेतृत्व की राय

श्री निखिल नंदा, चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, Escorts Kubota Limited ने कहा:
“Escorts Kubota में हम किसानों के जीवन को सकारात्मक रूप से बदलने वाले नवाचारों को लगातार लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नया कुबोटा कॉम्बाइन हार्वेस्टर इसका जीवंत उदाहरण है। जापान में विकसित इसकी अनूठी तकनीक किसानों को न केवल अतिरिक्त लाभ दिला सकती है बल्कि उत्तर भारत में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने में भी योगदान दे सकती है।”

श्री अकीरा काटो, डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर, Escorts Kubota Limited ने कहा:
“नया कुबोटा कॉम्बाइन हार्वेस्टर हमारी उस योजना का हिस्सा है जिसके तहत हम भारतीय कृषि को नई दिशा देने वाली तकनीकों को प्रस्तुत कर रहे हैं। यह न केवल उत्पादकता और लाभप्रदता को बढ़ाएगा, बल्कि स्थायी कृषि (sustainable farming) के लक्ष्यों को भी पूरा करेगा। हमें विश्वास है कि यह नया मॉडल भारतीय कृषि को एक नए युग में ले जाएगा।”

श्री राजन चुग, चीफ ऑफिसर, एग्री सॉल्यूशंस बिजनेस डिवीजन ने कहा:
“‘PRO588i-G’ कॉम्बाइन हार्वेस्टर अपने वर्ग में भारत में harvesting technology को नए स्तर पर ले जाता है। Escorts Kubota पहले से ही धान की फसल से जुड़ी मशीनों, जैसे कि विश्वस्तरीय हार्वेस्टर्स और राइस ट्रांसप्लांटर्स, में अग्रणी रहा है। इस नई मशीन के जुड़ने से हमारी स्थिति और भी मजबूत होगी।”


शक्ति और तकनीक का संगम 

Escorts Kubota का नया ‘PRO588i-G’ कॉम्बाइन हार्वेस्टर भारतीय कृषि में एक बड़ा बदलाव लाने वाला साबित हो सकता है। यह किसानों को पराली जलाने की मजबूरी से बाहर निकालकर अतिरिक्त आय का अवसर देता है, बासमती धान की गुणवत्ता बनाए रखता है, मिट्टी की सेहत को सुरक्षित रखता है और प्रदूषण कम करने में मदद करता है।

इस मशीन के लॉन्च के साथ Escorts Kubota ने एक बार फिर साबित किया है कि उसका उद्देश्य सिर्फ कृषि यंत्रों का निर्माण करना नहीं है, बल्कि किसानों की आय, पर्यावरण और कृषि की स्थिरता – तीनों को बेहतर बनाना है।


अस्वीकरण: यह जानकारी द्वितीयक शोध के माध्यम से एकत्र की गई है और landlevellers इसमें किसी भी त्रुटि के लिए जिम्मेदार नहीं है।

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