ट्रैक्टर और कृषि मशीनरी पर GST 12% से घटकर 5% – किसानों को बड़ी राहत, जानें पूरी जानकारी
ट्रैक्टर और कृषि मशीनरी पर GST 12% से घटकर 5% – किसानों को बड़ी राहत,
अगली पीढ़ी का GST सुधार: ट्रैक्टर और कृषि मशीनरी पर ऐतिहासिक कर राहत, किसानों के लिए बड़ी सौगात
नई दिल्ली, 15 अगस्त 2025: स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से अगली पीढ़ी के GST सुधारों की घोषणा की। इन सुधारों का उद्देश्य आम नागरिक, किसान और छोटे व्यापारी सभी को राहत देना है, साथ ही देश की अर्थव्यवस्था और कृषि क्षेत्र को नई ताकत देना है।
मुख्य बिंदु – GST काउंसिल के निर्णय
👉 किसानों के लिए सबसे बड़ी राहत: ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों पर कर कटौती
अब तक किसानों को ट्रैक्टर और कृषि मशीनरी पर 12% GST चुकाना पड़ता था।
GST काउंसिल ने इसे घटाकर सिर्फ 5% कर दिया है।
इस दायरे में ट्रैक्टर, कृषि, बागवानी व वानिकी उपकरण, जुताई की मशीनें, बीज बोने की मशीनें, स्प्रिंकलर, ड्रिप इरीगेशन सिस्टम, फसल काटने व मड़ाई की मशीनें, स्ट्रॉ और चारा बेलर, घास काटने की मशीनें, कम्पोस्टिंग मशीनें, पोल्ट्री व बी-कीपिंग मशीनें आदि शामिल हैं।
👉 जीवन बीमा पर पूरी छूट – अब सभी व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसियाँ (टर्म लाइफ, ULIP, एंडोमेंट) GST से मुक्त होंगी।
👉 आम आदमी, कृषि व स्वास्थ्य क्षेत्र, और श्रम-प्रधान उद्योगों पर विशेष ध्यान।
किसानों के लिए लाभ
✅ ट्रैक्टर और उपकरण खरीदना होगा और सस्ता।
✅ आधुनिक मशीनरी की पहुँच गाँव-गाँव तक आसान होगी।
✅ उत्पादन लागत घटेगी और खेतों में मशीनीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
✅ किसानों की आमदनी और उत्पादकता में होगा इज़ाफा।
क्यों ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों को पूरी तरह करमुक्त नहीं किया गया?
GST काउंसिल का कहना है कि यदि ट्रैक्टर और कृषि मशीनरी को पूरी तरह कर मुक्त कर दिया जाए, तो निर्माताओं को इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ नहीं मिलेगा। इससे उत्पादन लागत बढ़ेगी और अंततः मशीनें महंगी होकर किसानों तक पहुँचेंगी। इसलिए 5% की दर को संतुलित और व्यवहारिक रखा गया है, जिससे किसानों और निर्माताओं दोनों को फायदा हो।
प्रभावी तिथि –नई GST दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी।
तंबाकू उत्पादों (सिगरेट, ज़र्दा, बीड़ी आदि) पर वर्तमान दरें अभी यथावत रहेंगी और नई दरें बाद में अधिसूचित होंगी।
सरकार का उद्देश्य
सरकार का लक्ष्य है कि हर किसान को सस्ती और आधुनिक मशीनरी उपलब्ध हो, जिससे कृषि कार्य आसान बने और भारत का कृषि क्षेत्र आत्मनिर्भर और मज़बूत हो। यह सुधार किसानों की आमदनी बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।
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