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Modi Era Urban Revolution: ₹28.5 Lakh Cr Investment in Cities

नए भारत के शहरी विकास का स्वर्णिम अध्याय: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की दूरदृष्टि से शहर बने गर्व और प्रगति के प्रतीक”

Modi Era Urban Revolution: ₹28.5 Lakh Cr Investment in Cities


भारत के शहरी विकास की कहानी आज एक नए युग में प्रवेश कर चुकी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जिस दूरदृष्टि और संकल्प के साथ शहरों को देश के विकास एजेंडे के केंद्र में रखा है, वह ऐतिहासिक है। आज शहर केवल रहने के स्थान नहीं बल्कि विकास के इंजन, अवसरों के केंद्र और भारत की नई पहचान के प्रतीक बन चुके हैं।


शहरों को आधुनिक, सशक्त और आत्मनिर्भर, विकास की शक्ति

लंबे समय तक भारतीय शहरी क्षेत्रों को बोझ समझा जाता था। माना जाता था कि गाँव ही वास्तविक भारत हैं और शहर केवल समस्याओं का केंद्र हैं। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी जी ने इस धारणा को बदल दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि “अगर भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है, तो हमारे शहरों को आधुनिक, सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना होगा।” यही कारण है कि पिछले 10 वर्षों में शहरी विकास को राष्ट्र की प्राथमिकताओं के शीर्ष पर रखा गया।

ऐतिहासिक निवेश – 16 गुना वृद्धि

इस संकल्प को साकार करने के लिए केंद्र सरकार ने निवेश का अभूतपूर्व रिकॉर्ड बनाया है।

  • 2004 से 2014 के बीच शहरी क्षेत्र में कुल निवेश मात्र ₹1.57 लाख करोड़ था।
  • लेकिन 2014 से 2024 के बीच यह निवेश बढ़कर ₹28.5 लाख करोड़ तक पहुँच गया है।

यह 16 गुना वृद्धि न केवल सरकार की गंभीरता को दर्शाती है बल्कि यह बताती है कि अब शहरों को विकास की धुरी बनाना राष्ट्रीय एजेंडे का अहम हिस्सा है।

जहाँ कभी जर्जरता थी, वहाँ अब आत्मविश्वास है

बीते दशकों में हमारे शहर अव्यवस्था, जाम, प्रदूषण, गंदगी और जर्जर ढाँचे का प्रतीक बन गए थे। लोगों में हताशा थी कि शहरों का भविष्य अंधकारमय है। लेकिन आज तस्वीर बदल चुकी है।

  • स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत 100 से अधिक शहरों में विश्वस्तरीय आधारभूत ढाँचे का निर्माण हुआ है।
  • अमृत योजना (Atal Mission for Rejuvenation and Urban Transformation) के तहत स्वच्छ जल, सीवरेज और हरित क्षेत्र विकसित किए गए।
  • स्वच्छ भारत मिशन ने देश की शहरी छवि को बदल दिया। कचरा प्रबंधन से लेकर ओडीएफ (Open Defecation Free) शहर बनाने तक की उपलब्धियाँ ऐतिहासिक हैं।

आज वही शहर, जो कभी जर्जरता और गंदगी से जूझते थे, अब महत्वाकांक्षा और आत्मविश्वास से भरे हैं।

शहरी परिवहन में क्रांति

प्रधानमंत्री मोदी जी का मानना है कि आधुनिक शहरी परिवहन ही शहरों की गति और उत्पादकता को बढ़ाता है।

  • पिछले एक दशक में मेट्रो नेटवर्क में रिकॉर्ड विस्तार हुआ है। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, नागपुर, पुणे, अहमदाबाद और कई शहर अब आधुनिक मेट्रो रेल से जुड़ चुके हैं।
  • इलेक्ट्रिक बसों को प्रोत्साहन देकर स्वच्छ और हरित परिवहन को बढ़ावा दिया गया।
  • स्मार्ट मोबिलिटी, डिजिटल टिकटिंग और इंटिग्रेटेड ट्रांसपोर्ट सिस्टम से यात्रियों की सुविधा में अभूतपूर्व सुधार हुआ है।

आवास सबके लिए – ‘प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी)’

नगरीय गरीबों के लिए घर का सपना भी साकार किया गया है।

  • प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY-Urban) के तहत करोड़ों परिवारों को पक्के घर दिए गए हैं।
  • महिलाओं के नाम पर संपत्ति का स्वामित्व सुनिश्चित कर सामाजिक सशक्तिकरण भी हुआ है।
  • इन घरों में शौचालय, गैस कनेक्शन, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई गई हैं।

डिजिटल और स्मार्ट गवर्नेंस

शहरों को केवल भौतिक ढाँचे से नहीं बल्कि डिजिटल ताकत से भी सशक्त किया जा रहा है।

  • ई-गवर्नेंस और स्मार्ट सिटी डैशबोर्ड ने पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की है।
  • ‘इंडिया अर्बन ऑब्जर्वेटरी’ और डेटा-आधारित नीतियों से शहरों की वास्तविक जरूरतों पर योजनाएँ बनाई जा रही हैं।
  • ऑनलाइन सेवाओं ने नागरिकों को सरकारी योजनाओं तक आसान पहुँच दी है।

स्वच्छ और हरित शहर – पर्यावरणीय संतुलन की दिशा में

प्रधानमंत्री मोदी जी ने शहरी विकास को केवल इमारतों और सड़कों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि पर्यावरण और सतत विकास को केंद्र में रखा।

  • सौर ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन देकर शहरों की बिजली खपत को हरित बनाया जा रहा है।
  • पार्क, हरित पट्टियाँ और ओपन स्पेस बढ़ाए गए हैं।
  • ‘स्वच्छ वायु कार्यक्रम’ से प्रदूषण नियंत्रण में महत्वपूर्ण पहल हुई है।

आत्मनिर्भर शहर – रोजगार और अवसरों का केंद्र

नए भारत के शहर अब केवल रहने की जगह नहीं बल्कि आर्थिक गतिविधियों के केंद्र भी हैं।

  • स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं ने शहरी युवाओं को उद्यमिता के अवसर दिए।
  • शहरी अवसंरचना में निवेश से लाखों रोजगार उत्पन्न हुए।
  • ‘जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट’ नीति के तहत उद्योगों को आधुनिक और पर्यावरण अनुकूल बनाया गया।

वैश्विक मंच पर भारत के शहर

आज हमारे शहर केवल देश में ही नहीं बल्कि दुनिया में भी नई पहचान बना रहे हैं।

  • जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान दिल्ली का परिवर्तन विश्व के सामने प्रस्तुत हुआ।
  • वाराणसी, अहमदाबाद और इंदौर जैसे शहरों ने स्वच्छता और सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय सराहना प्राप्त की।
  • भारत अब ‘अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन’ के सफल मॉडल के रूप में उभर रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी जी की दृष्टि – भविष्य की ओर

प्रधानमंत्री का स्पष्ट संदेश है – “शहर भारत के सपनों को पूरा करने के केंद्र हैं। अगर हमें विकसित भारत बनाना है, तो हमारे शहरों को विश्वस्तरीय बनाना ही होगा।”
आगे की योजनाएँ इस दृष्टि को साकार करती हैं:

  • 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की यात्रा में शहरों की बड़ी भूमिका तय है।
  • नयी शहरी नीतियाँ टिकाऊ विकास, हरित ऊर्जा और समावेशी वृद्धि पर केंद्रित होंगी।
  • छोटे और मध्यम शहरों को भी आधुनिक आधारभूत ढाँचे से जोड़ा जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की नीतियों और दृष्टिकोण 

भारत के शहर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की नीतियों और दृष्टि के कारण अभूतपूर्व परिवर्तन से गुजर रहे हैं। जहाँ कभी अंधकार, गंदगी और अव्यवस्था थी, वहाँ अब उजाला, स्वच्छता और आत्मविश्वास है।

₹1.57 लाख करोड़ से ₹28.5 लाख करोड़ तक का सफर केवल निवेश की कहानी नहीं, बल्कि यह ‘नए भारत के नए शहरों’ का निर्माण है।


अस्वीकरण: यह जानकारी द्वितीयक शोध के माध्यम से एकत्र की गई है और landlevellers इसमें किसी भी त्रुटि के लिए जिम्मेदार नहीं है।

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