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हरियाणा मंडी भाव: आज बासमती व PR धान के न्यूनतम और अधिकतम भाव

हरियाणा की मंडियों में धान के ताज़ा भाव: किसानों के लिए राहत और चुनौती

हरियाणा मंडी भाव: आज बासमती व PR धान के न्यूनतम और अधिकतम भाव


हरियाणा की कृषि मंडियाँ इस समय धान की खरीदी-बिक्री में सबसे सक्रिय दिखाई दे रही हैं। राज्य के विभिन्न जिलों की मंडियों में धान की भारी आवक हो रही है और किसानों की मेहनत का मूल्य यहाँ तय हो रहा है। लेकिन कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। कहीं धान बासमती 1509 का न्यूनतम भाव 1,900 रुपये तक पहुँच गया तो कहीं यह अधिकतम 2,851 रुपये तक गया। PR धान की स्थिति और भी अलग रही, जिसका न्यूनतम भाव केवल 1,710 रुपये तक रहा। ऐसे में किसानों के सामने संतोष और निराशा दोनों स्थितियाँ हैं।


पानीपत मंडी

पानीपत मंडी में बासमती 1509 धान का व्यापार संतुलित और स्थिर रहा। यहाँ न्यूनतम भाव ₹2,581 प्रति क्विंटल और अधिकतम भाव ₹3,021 प्रति क्विंटल रहा। मंडी में किसानों की आवक सामान्य रही और व्यापारियों की सक्रियता बनी रही। पानीपत के किसान अपनी उपज को अपेक्षाकृत स्थिर भाव पर बेचकर लाभ अर्जित कर सके।


चीका मंडी

चीका मंडी में दो किस्मों की धान का व्यापार हुआ। बासमती 1509 का न्यूनतम भाव ₹1,960 प्रति क्विंटल और अधिकतम भाव ₹3,951 प्रति क्विंटल रहा। वहीं PR धान का न्यूनतम भाव ₹1,710 प्रति क्विंटल और अधिकतम ₹2,500 प्रति क्विंटल दर्ज किया गया।

चीका मंडी में भावों में भारी अंतर होने के कारण कुछ किसान निराश हुए, जबकि उच्च गुणवत्ता वाला धान बेचने वाले किसानों को अच्छे दाम मिलने से लाभ हुआ। यहां व्यापारियों ने भी केवल उच्च गुणवत्ता वाली धान पर ज्यादा निवेश किया, जिससे न्यूनतम भाव कम रहा।


इंद्री मंडी

इंद्री मंडी में बासमती 1509 धान का न्यूनतम भाव ₹1,900 प्रति क्विंटल और अधिकतम ₹3,200 प्रति क्विंटल रहा। यहाँ कम गुणवत्ता वाले धान का भाव गिरकर न्यूनतम स्तर पर पहुँच गया, जबकि उच्च गुणवत्ता वाले धान को बेहतर दाम मिले। किसान संगठन ने बताया कि उत्पादन लागत और कम भावों के बीच संतुलन बनाए रखना चुनौतीपूर्ण है।


पुँडरी मंडी

पुँडरी मंडी में बासमती 1509 धान का न्यूनतम भाव ₹2,490 प्रति क्विंटल और अधिकतम ₹3,215 प्रति क्विंटल रहा। मंडी का माहौल सकारात्मक और स्थिर दिखा। व्यापार संतुलित मात्रा में हुआ और किसानों को अपेक्षाकृत स्थिर भाव प्राप्त हुए। किसान बताते हैं कि यहाँ उन्हें उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिलने का अवसर मिला।


सिरसा मंडी

सिरसा मंडी में बासमती 1509 धान का न्यूनतम भाव ₹2,851 प्रति क्विंटल और अधिकतम ₹3,000 प्रति क्विंटल रहा। यह पूरे हरियाणा में सबसे ऊँचे भावों में से एक रहा। यहाँ किसानों ने अपनी मेहनत का सबसे अच्छा मूल्य प्राप्त किया। व्यापारी भी मांग के अनुसार सक्रिय रहे, जिससे बिक्री सुचारू रूप से हुई।


जुंडला मंडी

जुंडला मंडी में बासमती 1509 धान का न्यूनतम भाव ₹2,700 प्रति क्विंटल और अधिकतम ₹3,125 प्रति क्विंटल रहा। मंडी में व्यापार संतुलित और मात्रा में अच्छा रहा। किसान संतोषजनक भाव पर अपनी उपज बेचने में सफल रहे। व्यापारियों ने भी भावों के अनुसार खरीददारी की, जिससे बाजार स्थिर बना रहा।


समालखा मंडी

समालखा मंडी में बासमती 1509 धान का न्यूनतम भाव ₹2,501 प्रति क्विंटल और अधिकतम ₹2,801 प्रति क्विंटल रहा। यहाँ मंडी का माहौल शांत और संतुलित रहा। किसान अपनी उपज को उचित मूल्य पर बेचकर संतुष्ट रहे। व्यापारी भी भावों के अनुसार सक्रिय रहे।


कुल मिलाकर धान के भाव

हरियाणा की मंडियों में बासमती 1509 और PR धान के न्यूनतम व अधिकतम भाव अलग-अलग मंडियों में इस प्रकार रहे:

  • न्यूनतम: ₹1,710 (PR – चीका)
  • अधिकतम: ₹3,951 (बासमती 1509 – चीका)
  • औसत भाव: लगभग ₹2,450 – ₹2,800

इससे स्पष्ट होता है कि मंडियों में कीमतों का अंतर काफी है। कुछ मंडियों में किसानों को बेहतर दाम मिले, जबकि कुछ में भाव कम होने के कारण संतोषजनक बिक्री नहीं हो पाई।


किसानों की स्थिति और चुनौतियाँ

धान उगाने वाले किसानों का कहना है कि उत्पादन लागत और मेहनत के हिसाब से भाव अधिक होना चाहिए। कई मंडियों में भाव अपेक्षाकृत कम होने के कारण किसानों को घाटा उठाना पड़ रहा है। सिरसा और जुंडला जैसी मंडियों में संतोषजनक भाव मिले, वहीं इंद्री और चीका जैसी मंडियों में किसान कम दामों में अपनी उपज बेचने को मजबूर रहे।

किसानों ने बताया कि लगातार बढ़ती लागत, बिजली और खाद की कीमतें, और मजदूरी की बढ़ोतरी के बीच भावों में उतार-चढ़ाव ने उनकी चिंता बढ़ा दी है। कई किसान यह भी मानते हैं कि यदि MSP पर समय पर खरीद शुरू होती तो बाजार में भाव इतने कम नहीं रहते।


MSP और सरकारी खरीद की अहमियत

किसानों ने यह भी बताया कि यदि सरकार समय पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान की खरीद सुनिश्चित करे, तो बाजार में गिरावट से बचा जा सकता है। MSP पर खरीद न होने से व्यापारी अपनी मनमानी मूल्य तय करते हैं और किसानों को कम दामों पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

सरकारी खरीद और MSP नीति के सही पालन से किसानों को उनके उत्पादन की पूरी कीमत मिल सकती है। इससे बाजार में स्थिरता आएगी और किसानों की आय भी बढ़ेगी।


मंडियों में व्यापार का विश्लेषण

हरियाणा की मंडियों में धान के भाव मंडियों की मांग और आपूर्ति पर निर्भर करते हैं। सिरसा और जुंडला में भाव बेहतर रहने का कारण अधिक गुणवत्ता वाली धान और सीमित आवक है। वहीं इंद्री और चीका में भाव कम होने का कारण अधिक आवक और कम गुणवत्ता वाली धान रही।

व्यापारी मंडियों में गुणवत्ता के अनुसार खरीद करते हैं। उच्च गुणवत्ता वाला धान अधिकतम भाव पाता है, जबकि कम गुणवत्ता का धान न्यूनतम भाव पर बिकता है। यह मंडियों के भावों में अंतर का मुख्य कारण है।


सरकार की खरीद और मंडियों में व्यापार की मांग 

हरियाणा की मंडियों में धान के भाव किसानों को मिश्रित संदेश दे रहे हैं। सिरसा और जुंडला मंडियों में किसान संतुष्ट हैं, जबकि इंद्री और चीका में कम भावों ने उन्हें निराश किया। आने वाले समय में सरकार की खरीद और मंडियों में व्यापार की मांग ही तय करेगी कि किसानों की आय कितनी बढ़ेगी। किसानों की अपेक्षा है कि MSP पर खरीद समय पर शुरू हो और उन्हें मेहनत का उचित मूल्य मिल सके।

कुल मिलाकर, हरियाणा के किसानों को धान की बिक्री में संतुलित भावों की आवश्यकता है। मंडियों में भावों में समानता और सरकारी MSP खरीद नीति के पालन से ही किसानों की आय और कृषि क्षेत्र की स्थिरता सुनिश्चित हो सकती है।


अस्वीकरण: यह जानकारी द्वितीयक शोध के माध्यम से एकत्र की गई है और landlevellers इसमें किसी भी त्रुटि के लिए जिम्मेदार नहीं है।

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