भारत अंतरराष्ट्रीय चावल सम्मेलन (BIRC) 2025 – भारत की वैश्विक चावल आपूर्ति श्रृंखला में नेतृत्व को सुदृढ़ करने की दिशा में ऐतिहासिक पहल
भारत बनेगा वैश्विक चावल व्यापार का केंद्र :
भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन वाणिज्य विभाग ने घोषणा की है कि भारत अंतरराष्ट्रीय चावल सम्मेलन (Bharat International Rice Conference – BIRC 2025) का आयोजन 30 से 31 अक्टूबर 2025 तक भारत मंडपम, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में किया जाएगा।
यह सम्मेलन “विकसित भारत @2047” की परिकल्पना के अनुरूप आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य वैश्विक चावल व्यापार में पारदर्शिता, दक्षता और स्थायित्व को सुदृढ़ करना है।
सम्मेलन का उद्देश्य और दृष्टिकोण
BIRC 2025 का उद्देश्य भारत को विश्व की चावल आपूर्ति श्रृंखला में अग्रणी भूमिका में स्थापित करना है। इस मंच पर किसान, उत्पादक, निर्यातक, आयातक, नीति निर्माता, वित्तीय संस्थान, लॉजिस्टिक कंपनियाँ और अनुसंधान संस्थान एक साथ आएंगे।
सम्मेलन में सतत कृषि, तकनीकी नवाचार, पारदर्शी व्यापार नीतियाँ और जलवायु-संवेदनशील कृषि पर विशेष फोकस रहेगा।
प्रमुख भागीदारी और अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति
एपीडा (APEDA) के अध्यक्ष श्री अभिषेक देव ने जानकारी दी कि फिलीपींस, घाना, नामीबिया और गांबिया के विदेश मंत्री सम्मेलन में भाग लेंगे।
भारत पहले से ही 172 देशों को चावल निर्यात करता है और विश्व के सबसे बड़े चावल उत्पादकों में अग्रणी है। ऐसे में यह सम्मेलन भारत के वैश्विक खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में प्रभाव को और मजबूत करेगा।
आयोजन और सहयोगी संस्थान
यह सम्मेलन भारतीय चावल निर्यातक महासंघ (IREF) और एपीडा द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है।
सहयोगी संस्थानों में शामिल हैं –
- वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
- उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय
- कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय
- सहकारिता मंत्रालय
साथ ही, ओडिशा, तेलंगाना, मेघालय, असम, और मणिपुर जैसे राज्य सरकारें भी इस आयोजन में भागीदारी निभा रही हैं।
व्यापक भागीदारी
BIRC 2025 में शामिल होंगे –
- 3,000 से अधिक किसान और किसान उत्पादक संगठन (FPOs)
- 80 से अधिक देशों से आए 1,000 विदेशी खरीदार
- 2,500 निर्यातक, मिलर्स और उद्योग प्रतिनिधि
यह सम्मेलन ₹1.80 लाख करोड़ के नए बाजार खोलने और लगभग ₹25,000 करोड़ के निर्यात समझौते (MoUs) पर हस्ताक्षर का लक्ष्य रखता है।
भारत की चावल क्षमता और वैश्विक योगदान
भारत ने वर्ष 2024–25 में लगभग 150 मिलियन टन चावल का उत्पादन किया, जो विश्व उत्पादन का लगभग 28% है।
पिछले दशक में भारत की उत्पादकता 2.72 टन/हेक्टेयर से बढ़कर 3.2 टन/हेक्टेयर हो गई है।
भारत ने 20.1 मिलियन मीट्रिक टन चावल का निर्यात किया, जिसकी कीमत USD 12.95 बिलियन आंकी गई।
वैश्विक खाद्य सुरक्षा में चावल का महत्व
विश्व स्तर पर 4 अरब से अधिक लोग चावल पर निर्भर हैं।
आज वैश्विक स्तर पर चावल उद्योग का मूल्य USD 330 बिलियन तक पहुँच गया है।
हालाँकि, चावल उत्पादन 24–30% वैश्विक सिंचाई जल का उपयोग करता है, इसीलिए सम्मेलन में सस्टेनेबल एग्रीकल्चर और जल दक्षता पर चर्चा की जाएगी।
भारतीय चावल की वैश्विक रसोई में प्रस्तुति
IREF और APEDA के सहयोग से “Culinary Experience Zone” में विश्व के विभिन्न व्यंजनों में भारतीय चावल की विविधता को प्रदर्शित किया जाएगा।
भारत की पारंपरिक किस्में जैसे गोविंदभोग, मुश्कबुद्धजी, कलानमक, नागरी दुबराज, चकहाओ ब्लैक राइस आदि को इंडोनेशिया, जापान, अमेरिका, यूके, चीन जैसे देशों के व्यंजनों में प्रस्तुत किया जाएगा।
अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन
सम्मेलन में पहली बार भारत का एआई आधारित चावल सॉर्टिंग सिस्टम लॉन्च किया जाएगा।
यह तकनीक रंग, आकार, संरचना और गुणवत्ता का एकसाथ विश्लेषण कर सकती है, जिससे रंग और टूटी दानों का वर्गीकरण एक ही प्रक्रिया में संभव होगा।
यह तकनीक ऊर्जा, समय और श्रम की बचत के साथ उच्च सटीकता प्रदान करेगी।
महिला उद्यमियों, स्टार्टअप्स और MSME के लिए विशेष मंच
महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित करने हेतु विशेष “Women Entrepreneur, Startup & MSME Pavilion” स्थापित किया जाएगा।
इसमें कृषि मूल्य श्रृंखला में नवाचार, जैविक बीज, पोस्ट-हार्वेस्ट तकनीक, ब्रांडिंग, पैकेजिंग, ब्लॉकचेन आधारित ट्रेसबिलिटी और डिजिटल मार्केटप्लेस जैसे समाधान प्रदर्शित किए जाएंगे।
राज्यों की भागीदारी और स्थानीय किस्मों का प्रदर्शन
राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अपने स्थानीय जीआई चावल, जैविक खेती मॉडल, और निवेश अवसरों का प्रदर्शन करेंगे।
मेघालय अपने पारंपरिक चावल जैसे Pnah Iong (ब्लैक स्टिकी राइस), Mynri (गोल्डन राइस), Mangsang, Minil, Khaw Biriun प्रदर्शित करेगा।
तेलंगाना राज्य अपने अग्रणी निर्यातक रूप में उभरा है और तेलंगाना सोना, सांबा महसूरी, MTU 1010, KNM 1638 जैसी किस्मों को अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के समक्ष प्रस्तुत करेगा।
सहकारिता आधारित ऑर्गेनिक ब्रांड लॉन्च
भारत ऑर्गेनिक्स (Bharat Organics), नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (NCOL) के तहत, अपने नए ऑर्गेनिक राइस रेंज और डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर प्लेटफॉर्म की शुरुआत करेगा।
इसमें कलानमक, इंद्रायणी, गोविंदभोग, रेड मट्टा, ब्लैक राइस जैसी पारंपरिक किस्में शामिल होंगी, जिनका उद्देश्य रासायनिक-मुक्त, किसान-प्रत्यक्ष और प्रमाणित उत्पाद उपलब्ध कराना है।
व्यापार सुविधा और डिजिटल कनेक्टिविटी
डीजीएफटी (DGFT) अपने Trade Connect e-Platform का प्रचार करेगा, जो निर्यातकों को सर्टिफिकेट, टैरिफ जानकारी, मार्केट गाइड और अंतरराष्ट्रीय खरीदारों से डिजिटल कनेक्शन प्रदान करता है।
यह प्लेटफॉर्म भारतीय निर्यातकों को वैश्विक मंच पर डिजिटल उपस्थिति मजबूत करने में मदद करेगा।
अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहन
सम्मेलन के दौरान नई दिल्ली में कृषि अनुसंधान एवं इनक्यूबेशन केंद्र स्थापित करने का अनुबंध साइन किया जाएगा।
यह केंद्र सतत और जलवायु-संवेदनशील चावल उत्पादन पर केंद्रित रहेगा। साथ ही, कृषि स्नातकों के लिए अनुसंधान क्षेत्र में रोजगार और प्रशिक्षण अवसर भी सुनिश्चित किए जाएंगे।
किसान प्रशिक्षण सत्र और भविष्य की योजना
आईसीएआर (ICAR) और आईआरआरआई (IRRI) मिलकर किसानों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित करेंगे, जिसमें क्लाइमेट-स्मार्ट खेती, जल दक्षता, और मिट्टी स्वास्थ्य प्रबंधन पर मार्गदर्शन दिया जाएगा।
आगे से यह सम्मेलन प्रति वर्ष आयोजित किया जाएगा ताकि भारत की चावल आपूर्ति श्रृंखला में निरंतर नीति संवाद और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दिया जा सके।
साझेदार और ज्ञान सहयोगी संस्थान
BIRC 2025 के शोध और ज्ञान सहयोगी संस्थान हैं –
- IRRI South Asia Regional Centre (Varanasi)
- E&Y
- S&P Global
साझेदार देश हैं – फिलीपींस, म्यांमार, नाइजर, कोमोरोस, जॉर्डन, लाइबेरिया, गांबिया और सोमालिया।
समापन संदेश
भारत अंतरराष्ट्रीय चावल सम्मेलन (BIRC) 2025 न केवल भारत की कृषि-आर्थिक शक्ति का प्रदर्शन करेगा, बल्कि यह देश की ‘विकसित भारत 2047’ की दृष्टि को साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा।
यह आयोजन भारत को वैश्विक स्तर पर सतत कृषि, नवाचार, और खाद्य सुरक्षा के अग्रणी राष्ट्र के रूप में स्थापित करेगा।
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