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GST ने बढ़ाई Ease of Doing Business में भारत की रफ्तार | Modi Govt Success Story

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में व्यापार सुगमता की दिशा में ऐतिहासिक परिवर्तन – GST बना आर्थिक सशक्तिकरण का स्तंभ

GST ने बढ़ाई Ease of Doing Business में भारत की रफ्तार | Modi Govt Success Story


प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के गतिशील और दूरदर्शी नेतृत्व में भारत ने पिछले एक दशक में आर्थिक सुधारों और व्यापार सुगमता (Ease of Doing Business - EoDB) के क्षेत्र में विश्व स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नीतियों ने देश की कर प्रणाली, व्यापारिक माहौल और निवेश परिदृश्य को पूरी तरह से बदल दिया है। इस परिवर्तन के केंद्र में वस्तु एवं सेवा कर (GST) रहा है, जिसने कर प्रणाली को एकीकृत, पारदर्शी और आधुनिक स्वरूप दिया है।


GST – भारत की कर प्रणाली में क्रांतिकारी सुधार

वर्ष 2017 में शुरू किया गया वस्तु एवं सेवा कर (GST) भारत के आर्थिक इतिहास की सबसे बड़ी कर सुधार पहल के रूप में जाना जाता है। इससे पहले देश में 17 प्रकार के अलग-अलग कर और 13 उपकर (Cess) लागू थे, जिनसे व्यापारियों और उद्योगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। GST ने इस जटिलता को समाप्त करते हुए एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार की अवधारणा को साकार किया।

आज 1.4 करोड़ से अधिक व्यवसाय GST प्रणाली के अंतर्गत पंजीकृत हैं। GST पोर्टल के माध्यम से अब टैक्स फाइलिंग, चालान जारी करना, इनवॉइस ट्रैकिंग और कर भुगतान जैसी प्रक्रियाएं पूरी तरह ऑनलाइन हो चुकी हैं। इससे व्यापारिक पारदर्शिता बढ़ी है, समय की बचत हुई है और लालफीताशाही में उल्लेखनीय कमी आई है।


राजस्व वृद्धि और मजबूत आर्थिक संकेत

GST लागू होने के बाद भारत के राजस्व संग्रह में निरंतर वृद्धि दर्ज की गई है। अप्रैल 2024 में GST संग्रह ₹2.10 लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया — जो भारत की आर्थिक मजबूती और कर प्रणाली में बढ़ते विश्वास को दर्शाता है। यह वृद्धि सिर्फ आंकड़ों में नहीं, बल्कि देश के विकास में भी झलकती है।

इस राजस्व से केंद्र और राज्य सरकारें अवसंरचना निर्माण, स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा, और रोजगार सृजन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निवेश कर पा रही हैं। सड़क, रेलवे, बिजली, और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में तेजी से प्रगति हुई है। इस प्रकार, GST से प्राप्त राजस्व “विकसित भारत 2047” के विजन को साकार करने में एक प्रमुख साधन बन चुका है।


डिजिटल इंडिया के साथ कर प्रणाली का पूर्ण डिजिटलीकरण

प्रधानमंत्री मोदी के डिजिटल इंडिया विजन के तहत GST Network (GSTN) ने कर प्रणाली को पूरी तरह डिजिटल स्वरूप प्रदान किया है। आज ई-इनवॉइसिंग, ई-वे बिल, और रियल टाइम टैक्स ट्रैकिंग जैसी सुविधाओं ने न केवल पारदर्शिता बढ़ाई है बल्कि भ्रष्टाचार और मानवीय त्रुटियों को भी न्यूनतम किया है।

70% से अधिक व्यवसाय अब डिजिटल माध्यम से रिटर्न दाखिल कर रहे हैं, जिससे अनुपालन सरल हुआ है और प्रशासनिक लागत में भारी कमी आई है। विशेष रूप से लघु, छोटे और मध्यम उद्यम (MSMEs) के लिए यह बदलाव अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआ है। अब MSME उद्योग सीमित संसाधनों के बावजूद अपने कर दायित्वों का पालन सरलता से कर पा रहे हैं।


वैश्विक स्तर पर भारत की साख में उल्लेखनीय वृद्धि

GST और अन्य आर्थिक सुधारों के कारण भारत की वैश्विक साख में जबरदस्त सुधार हुआ है। विश्व बैंक की “Ease of Doing Business” रैंकिंग में भारत 2014 में 142वें स्थान से बढ़कर 2020 में 63वें स्थान पर पहुंच गया। यह दर्शाता है कि भारत ने न केवल अपनी कर प्रणाली को सरल बनाया है बल्कि व्यापार करने के लिए एक भरोसेमंद वातावरण भी तैयार किया है।

भारत में अंतरराज्यीय व्यापार अब पहले की तुलना में अधिक सुगम हुआ है। GST ने “वन नेशन, वन मार्केट” की भावना को वास्तविक रूप में लागू किया है। 2024 के भाजपा घोषणापत्र में सरकार ने यह संकल्प लिया है कि आने वाले वर्षों में कर अनुपालन की लागत 20% तक घटाई जाएगी, विशेष रूप से स्टार्टअप्स और डिजिटल उद्यमों के लिए।


MSME क्षेत्र को मिला नई दिशा और ताकत

GST का सबसे बड़ा लाभ भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSME) को मिला है। पहले जहां टैक्स रिफंड, फाइलिंग और कर भुगतान की प्रक्रिया जटिल थी, वहीं अब यह पूरी तरह सरल और डिजिटल हो गई है। इससे MSMEs को अपनी उत्पादकता बढ़ाने और वैश्विक बाजारों तक पहुंचने में सहायता मिली है।

वर्तमान में भारत के 98% से अधिक MSME उद्योग GST प्रणाली से लाभान्वित हो रहे हैं। इन इकाइयों ने 12 करोड़ से अधिक रोजगार सृजित किए हैं, जो भारत की सामाजिक-आर्थिक संरचना को सशक्त बना रहे हैं। इसके साथ ही, देश का निर्यात FY24 में $418 बिलियन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जो भारतीय उत्पादों की वैश्विक मांग का प्रमाण है।


व्यापार सुगमता के साथ पारदर्शिता और जवाबदेही में वृद्धि

GST ने केवल कर प्रणाली को नहीं बदला, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही को भी बढ़ावा दिया है। अब हर लेन-देन ऑनलाइन दर्ज होता है, जिससे टैक्स चोरी और धोखाधड़ी के मामलों में कमी आई है। Input Tax Credit (ITC) की सुविधा ने व्यवसायों को अपने वैध खर्चों पर टैक्स लाभ प्राप्त करने का अवसर दिया है।

इससे न केवल सरकार के राजस्व में वृद्धि हुई है, बल्कि करदाताओं में भी विश्वास की भावना मजबूत हुई है। अब व्यवसाय यह जानते हैं कि उनके द्वारा दिया गया कर सीधे विकास कार्यों में उपयोग हो रहा है।


भविष्य की दिशा – 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य

GST की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि भारत बड़े आर्थिक सुधारों को सफलतापूर्वक लागू करने की क्षमता रखता है। भाजपा सरकार आने वाले वर्षों में कर प्रणाली को और अधिक डिजिटल, पारदर्शी और स्वचालित बनाने की दिशा में अग्रसर है।

‘विकसित भारत 2047’ के विजन के अंतर्गत सरकार का लक्ष्य है कि व्यापारिक माहौल को इतना सरल बनाया जाए कि हर उद्यमी – चाहे वह गांव का छोटा व्यापारी हो या वैश्विक निवेशक – समान अवसरों का लाभ उठा सके।

नए सुधारों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित टैक्स एनालिटिक्स, रियल टाइम डेटा मॉनिटरिंग और ऑटो-अपडेटेड फाइलिंग सिस्टम जैसे नवाचार शामिल होंगे, जिससे भारत विश्व का सबसे पारदर्शी और सरल कर शासन मॉडल प्रस्तुत करेगा।


निष्कर्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने यह सिद्ध किया है कि आर्थिक सुधार केवल नीतिगत बदलाव नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की दिशा में मील का पत्थर होते हैं। GST ने न केवल व्यापार सुगमता को नई ऊंचाई दी है, बल्कि करदाताओं में विश्वास और पारदर्शिता की भावना भी स्थापित की है।

भारत आज “Ease of Doing Business” से आगे बढ़कर “Ease of Living” की दिशा में अग्रसर है। यह परिवर्तन सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय पुनर्निर्माण का प्रतीक है।

“एक भारत – एक कर – एक बाजार” की भावना के साथ भारत अब 2047 तक ‘विकसित राष्ट्र’ बनने की दिशा में दृढ़तापूर्वक आगे बढ़ रहा है।


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