राष्ट्रीय मधुमक्खी एवं शहद मिशन: भारत में मधु क्रांति और किसान आय वृद्धि की नई उड़ान
राष्ट्रीय मधुमक्खी एवं शहद मिशन : ‘मधु क्रांति’ की ओर भारत का मधुर कदम
भारत सरकार ने कृषि और ग्रामीण आजीविका के क्षेत्र में एक नई क्रांति को जन्म दिया है – राष्ट्रीय मधुमक्खी एवं शहद मिशन (National Beekeeping and Honey Mission - NBHM), जो देशभर में वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देकर किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हो रहा है। इस मिशन का उद्देश्य है भारत में “Sweet Revolution – मधु क्रांति” लाना और शहद उत्पादन के क्षेत्र में भारत को विश्व अग्रणी बनाना।
राष्ट्रीय मधुमक्खी एवं शहद मिशन की रूपरेखा
राष्ट्रीय मधुमक्खी एवं शहद मिशन एक केंद्रीय क्षेत्रक योजना (Central Sector Scheme) है, जिसे राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (National Bee Board – NBB) द्वारा लागू किया जा रहा है। इस योजना का कुल बजट ₹500 करोड़ का है, जो वित्त वर्ष 2020–21 से 2025–26 तक लागू है। प्रारंभिक अवधि तीन वर्ष (2020–21 से 2022–23) के लिए थी, परंतु इसके उल्लेखनीय परिणामों को देखते हुए इसे आगे तीन वर्षों के लिए बढ़ाया गया है।
इस मिशन के माध्यम से सरकार का लक्ष्य है – वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन (Scientific Beekeeping) को प्रोत्साहित करना, शहद उत्पादन बढ़ाना, और किसानों की आय में सतत वृद्धि करना।
मिशन के तीन उप-मिशन (Mini Missions)
- मिनी मिशन-I – फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए परागण (Pollination) आधारित वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
- मिनी मिशन-II – शहद और मधुमक्खी उत्पादों के संग्रहण, प्रसंस्करण, भंडारण, मूल्यवर्धन और विपणन से जुड़ी गतिविधियों पर ध्यान दिया गया है।
- मिनी मिशन-III – अनुसंधान, तकनीकी विकास और नवाचार के लिए विभिन्न कृषि-जलवायु परिस्थितियों के अनुसार शोध संस्थानों में परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।
मिशन के प्रमुख उद्देश्य
राष्ट्रीय मधुमक्खी एवं शहद मिशन का उद्देश्य केवल शहद उत्पादन बढ़ाना नहीं है, बल्कि इसके माध्यम से कृषि क्षेत्र में विविधता और टिकाऊ आजीविका को बढ़ावा देना भी है। प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं –
- ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार और आय सृजन के नए अवसर पैदा करना।
- शहद और अन्य मधुमक्खी उत्पादों जैसे बीवैक्स, प्रोपोलिस, रॉयल जेली, बी पॉलन आदि के लिए प्रसंस्करण और मार्केटिंग अवसंरचना विकसित करना।
- राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय शहद परीक्षण प्रयोगशालाओं (Honey Testing Labs) की स्थापना करना।
- Madhukranti Portal के माध्यम से हनी ट्रेसबिलिटी सिस्टम (Blockchain आधारित) लागू करना ताकि शहद की शुद्धता और स्रोत का पता लगाया जा सके।
- महिला सशक्तिकरण के लिए स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को प्रशिक्षण एवं वित्तीय सहायता देना।
- एग्री-स्टार्टअप्स और एग्री-उद्यमियों को शहद उद्योग से जोड़ना।
अब तक की प्रमुख उपलब्धियाँ
भारत सरकार के प्रयासों से NBHM ने अब तक उल्लेखनीय प्रगति की है –
- देशभर में 6 वर्ल्ड क्लास हनी टेस्टिंग लैब्स, 47 मिनी लैब्स, 6 रोग निदान प्रयोगशालाएं, 26 प्रोसेसिंग यूनिट्स, और 10 कोल्ड स्टोरेज केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं।
- लगभग 424 हेक्टेयर भूमि पर बी-फ्रेंडली पौधों का रोपण और 288 हेक्टेयर क्षेत्र में तकनीकी प्रदर्शन परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।
- महिलाओं के सशक्तिकरण के तहत 167 स्वयं सहायता समूहों को NBHM में जोड़ा गया है।
- IIT रुड़की में “राष्ट्रीय मधुमक्खी उत्कृष्टता केंद्र (National Centre of Excellence in Beekeeping)” की स्थापना की गई है।
- सरकार ने शहद के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य (Minimum Export Price - MEP) USD 2,000 प्रति मीट्रिक टन तय किया है ताकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय शहद की गुणवत्ता बनी रहे।
- Madhukranti Portal पर अब तक 14,859 मधुमक्खी पालक, 269 सोसायटी, 150 फर्म और 206 कंपनियां पंजीकृत हो चुकी हैं।
- NBHM के तहत 100 किसान उत्पादक संगठन (FPOs) का गठन किया गया है, जिनमें 97 पहले से सक्रिय हैं।
भारत का शहद उत्पादन और निर्यात
आज भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा शहद निर्यातक देश बन चुका है, जबकि वर्ष 2020 में यह 9वें स्थान पर था।
राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (NBB) की भूमिका
सफलता की कहानियाँ: ग्रामीण भारत की मधु महक
मिशन की संरचना और संचालन
NBHM का संचालन राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर किया जा रहा है –
- राष्ट्रीय स्तर पर – मिशन/पीएमयू, सामान्य परिषद, परियोजना स्वीकृति समिति, और कार्यकारी समिति नीति निर्माण, मॉनिटरिंग और फंडिंग देखती हैं।
- राज्य स्तर पर – राज्य स्तरीय संचालन समितियाँ (SLSC) योजना के क्रियान्वयन और निगरानी की जिम्मेदारी निभाती हैं।
- जिला स्तर पर – जिला समितियाँ (DLC) प्रशिक्षण, फील्ड गतिविधियाँ और किसानों के बीच समन्वय करती हैं।
मुख्य कार्यान्वयन एजेंसियाँ हैं – NBB, NDDB, NAFED, TRIFED, ICAR, KVIC, और राज्य कृषि विभाग।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय मधुमक्खी एवं शहद मिशन (NBHM) न केवल भारत की कृषि प्रणाली को विविधता और स्थायित्व प्रदान कर रहा है, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी “मधु क्रांति” के माध्यम से सशक्त बना रहा है।
इस मिशन ने पारंपरिक मधुमक्खी पालन को तकनीकी और व्यावसायिक उद्योग में बदल दिया है, जिससे न सिर्फ शहद उत्पादन बढ़ा है बल्कि महिलाओं, युवाओं और किसानों के लिए नए अवसरों के द्वार खुले हैं।
भारत अब विश्व मंच पर “Sweet Revolution – Buzzing for a Better India” के संदेश के साथ अपनी नई पहचान बना रहा है।

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