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उपभोक्ता अधिकारों में सुधार: डिजिटल शिकायत निवारण पर जोर

 उपभोक्ता अधिकारों में बड़ा सुधार: चिंतन शिविर में डिजिटल शिकायत निवारण और पारदर्शी व्यवस्था पर जोर

उपभोक्ता अधिकारों में सुधार: डिजिटल शिकायत निवारण पर जोर


उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर में देशभर से आए विशेषज्ञों, सरकारी प्रतिनिधियों, उद्योग संगठनों और उपभोक्ता मंचों ने उपभोक्ता संरक्षण को मजबूत करने और शिकायत निवारण प्रणाली को आधुनिक स्वरूप देने पर गहन चर्चा की। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को तेज, पारदर्शी और तकनीक-आधारित समाधान उपलब्ध कराना था, ताकि सरकार के Ease of Living और Digital Governance के लक्ष्य को साकार किया जा सके।

बैठकों में इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि जिला उपभोक्ता आयोगों (District Consumer Commissions) को सशक्त बनाया जाए, लंबित रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाए और आवश्यक बुनियादी ढांचे को उन्नत किया जाए। प्रतिभागियों ने माना कि उपभोक्ता संरक्षण कानून तभी प्रभावी बन सकता है जब हर स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो।

चिंतन शिविर में विभाग की ओर से यह पुनः पुष्टि की गई कि उपभोक्ता शिकायत निवारण प्रणाली को अधिक नागरिक-केंद्रित, डिजिटल और समयबद्ध बनाया जाएगा। इसके लिए आधुनिक तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑनलाइन केस ट्रैकिंग और मोबाइल-आधारित शिकायत पोर्टल्स को अपनाने पर बल दिया गया।

इस शिविर में देशभर के अनेक हितधारकों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। इनमें राज्य सरकारों के प्रतिनिधि, राज्य और जिला उपभोक्ता आयोगों के अध्यक्ष व सदस्य, स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठन (VCOs) जैसे Citizen Consumer & Civic Action Group (CAG) और Mumbai Grahak Panchayat, प्रमुख राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों — दिल्ली, रांची, पुडुचेरी और पटियाला — के विशेषज्ञ शामिल थे।

इसके अलावा, उद्योग जगत के प्रमुख संगठन जैसे FICCI, CII, RAI, और ASSOCHAM तथा देश की प्रसिद्ध कानूनी फर्में जैसे Dua Associates, Ikigai Law, Jaitley & Bakhshi, और Nishith Desai Associates ने भी इसमें भाग लिया। इन प्रतिनिधियों ने उपभोक्ता कानूनों के कानूनी, शैक्षणिक और औद्योगिक दृष्टिकोण से उपयोगी सुझाव साझा किए।

शिविर के दौरान कई महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श हुआ —

  • उपभोक्ता विवादों के समाधान में तकनीकी हस्तक्षेप को बढ़ावा देना
  • ऑनलाइन उपभोक्ता शिकायत पोर्टल्स की पहुंच बढ़ाना
  • ई-कॉमर्स और डिजिटल लेनदेन में उपभोक्ता डेटा सुरक्षा को प्राथमिकता देना
  • जिला और राज्य आयोगों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए संसाधनों में सुधार
  • उपभोक्ता शिक्षा और जागरूकता के लिए नई रणनीतियाँ तैयार करना

प्रतिभागियों ने यह भी सुझाव दिया कि उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए हर जिले में एक Consumer Help Centre स्थापित किया जाए, जहाँ उपभोक्ताओं को शिकायत दर्ज करने, सुनवाई की जानकारी पाने और समाधान की स्थिति जानने की सुविधा एक ही स्थान पर मिले।

चिंतन शिविर के दौरान इस बात पर सर्वसम्मति बनी कि उपभोक्ता नीतियों को अब केवल विवाद समाधान तक सीमित नहीं रखा जाए, बल्कि उन्हें ‘Ease of Living’ के व्यापक उद्देश्य से जोड़ा जाए। इसका अर्थ है कि नागरिकों को हर उत्पाद और सेवा में गुणवत्ता, सुरक्षा और पारदर्शिता का अधिकार मिले।

विभाग ने कहा कि आने वाले समय में Consumer Commissions की कार्यप्रणाली को पूरी तरह ऑनलाइन किया जाएगा, जिससे मामलों की निगरानी और रिपोर्टिंग सरल होगी। इससे उपभोक्ताओं को समय पर न्याय मिलेगा और फाइलों के ढेर में फंसे मामलों की संख्या घटेगी।

कानूनी विशेषज्ञों ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के क्रियान्वयन में आने वाली व्यावहारिक चुनौतियों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि आयोगों में पर्याप्त स्टाफ और प्रशिक्षण की कमी से मामलों के निपटान में विलंब होता है। इसके समाधान के लिए निरंतर प्रशिक्षण कार्यक्रमों और डिजिटल केस मैनेजमेंट सिस्टम की सिफारिश की गई।

उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने उपभोक्ता शिकायतों के निपटान में अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए यह प्रस्ताव रखा कि कंपनियों के अंदर उपभोक्ता शिकायत निवारण प्रकोष्ठों को और अधिक सशक्त बनाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रांड्स और कंपनियों को उपभोक्ता फीडबैक को नीति निर्धारण में शामिल करना चाहिए।

शिविर का समापन इस निष्कर्ष के साथ हुआ कि उपभोक्ता संरक्षण को केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं बल्कि लोकतांत्रिक भागीदारी का स्तंभ बनाया जाएगा। पारदर्शिता, जवाबदेही और तकनीकी नवाचार — ये तीन स्तंभ आने वाले समय में भारत की उपभोक्ता नीति की नींव होंगे।

इस पहल से उम्मीद है कि उपभोक्ता न केवल अपनी शिकायतों का समाधान पाएंगे, बल्कि एक सुरक्षित, विश्वसनीय और जवाबदेह उपभोक्ता वातावरण का भी निर्माण होगा — जो नए भारत की डिजिटल और पारदर्शी शासन व्यवस्था की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।

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