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SECI–आंध्र प्रदेश का 1200 MWh BESS और 50 MW हाइब्रिड प्रोजेक्ट भारत की ग्रीन एनर्जी को बड़ा बढ़ावा

भारत की स्वच्छ ऊर्जा यात्रा को बड़ी रफ्तार: SECI और आंध्र प्रदेश ने 1200 MWh बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम और 50 MW हाइब्रिड प्रोजेक्ट पर समझौता किया

SECI–आंध्र प्रदेश का 1200 MWh BESS और 50 MW हाइब्रिड प्रोजेक्ट भारत की ग्रीन एनर्जी को बड़ा बढ़ावा

भारत ने स्वच्छ ऊर्जा और ग्रीन पावर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। Solar Energy Corporation of India (SECI) और आंध्र प्रदेश सरकार ने मिलकर 1200 MWh Battery Energy Storage System (BESS) और 50 MW Hybrid Solar Project विकसित करने के लिए सरकारी आदेशों का आदान-प्रदान किया। यह समझौता विशाखापट्टनम में आयोजित आंध्र प्रदेश पार्टनरशिप समिट 2025 के ऊर्जा सत्र के दौरान किया गया, जहाँ यह घोषणा भारत की स्वच्छ ऊर्जा क्षमता को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाली साबित हुई।

SECI, जो कि MNRE के अधीन नवरत्न CPSU है, इस परियोजना को पूरी तरह CAPEX मॉडल के तहत विकसित करेगा। यानी पूरा निवेश SECI स्वयं करेगा, जिससे परियोजनाओं की गुणवत्ता, समयबद्धता और दीर्घकालिक विश्वसनीयता सुनिश्चित होगी। यह कदम भारत के ग्रीन एनर्जी सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।

1200 MWh की यह बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) परियोजना आंध्र प्रदेश के नंदयाल में स्थापित की जाएगी और देश के ऊर्जा ढांचे में एक गेम-चेंजर के रूप में उभरेगी। यह सिस्टम सौर व पवन जैसे नवीकरणीय स्रोतों से उत्पन्न ऊर्जा को लंबे समय तक सुरक्षित रखकर बिजली की उपलब्धता को अधिक स्थिर और विश्वसनीय बनाएगा। इससे ग्रीन ग्रिड स्थिरता, ऊर्जा उतार-चढ़ाव नियंत्रण, और सतत बिजली आपूर्ति को मजबूत समर्थन मिलेगा।

यह परियोजना 23 जनवरी 2025 के उस सरकारी आदेश का हिस्सा है, जिसमें Ministry of Power ने SECI को इस मेगा प्रोजेक्ट का प्रमुख कार्यान्वयन निकाय नियुक्त किया था। इसके बाद 22 अक्टूबर 2025 को SECI बोर्ड के चेयरमैन संतोष कुमार सारंगी ने इसे अंतिम मंजूरी प्रदान की। मंत्रालय ने दोनों परियोजनाओं की प्रगति और विकास पर लगातार नजर रखी है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि परियोजनाएं समय पर और उच्च मानकों के साथ पूरी हों।

इसके साथ ही, SECI आंध्र प्रदेश में 50 MW हाइब्रिड सोलर प्रोजेक्ट भी विकसित करेगा। हाइब्रिड तकनीक सौर और पवन ऊर्जा दोनों का संयुक्त उपयोग सुनिश्चित करती है, जिससे लगातार और स्थिर बिजली उत्पादन संभव हो पाता है। यह राज्य की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को कई गुना बढ़ाने वाला कदम माना जा रहा है।

सरकारी आदेशों का यह आदान-प्रदान आंध्र प्रदेश के ऊर्जा मंत्री गोट्टिपाटी रवि कुमार द्वारा किया गया। इस अवसर पर आंध्र प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव के. विजयनंद और NREDCAP के वाइस चेयरमैन एम. कमलाकर बाबू मौजूद रहे। वहीं SECI की ओर से शिवकुमार वेंकट वेपकोम्मा और रोहित चौबे ने दस्तावेज़ प्राप्त किए। यह उच्चस्तरीय भागीदारी दर्शाती है कि सरकार और SECI मिलकर देश की स्वच्छ ऊर्जा दिशा को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

यह समझौता आंध्र प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश के ग्रीन एनर्जी इकोसिस्टम को मजबूत करेगा। BESS तकनीक आने वाले समय में बिजली की खपत और उत्पादन के बीच संतुलन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इससे 24×7 स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराने के राष्ट्रीय लक्ष्य को बड़ा समर्थन मिलेगा। साथ ही, कार्बन उत्सर्जन घटाने, ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने, और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी यह परियोजनाएं अहम योगदान देंगी।

भारत के लिए यह साझेदारी एक निर्णायक क्षण है। 1200 MWh BESS और 50 MW Hybrid Project के रूप में देश को एक मजबूत, लचीला और भविष्य-तैयार स्वच्छ ऊर्जा ढांचा मिलने जा रहा है। यह परियोजनाएं न केवल आंध्र प्रदेश की ऊर्जा क्षमता को कई गुना बढ़ाएंगी, बल्कि पूरे देश में स्वच्छ ऊर्जा क्रांति को नई दिशा और गति देंगी।

यह कदम स्पष्ट करता है कि भारत ग्रीन एनर्जी सुपरपावर बनने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, और SECI तथा राज्य सरकारों की यह साझेदारी आने वाले वर्षों में ऊर्जा क्षेत्र में बड़े परिवर्तन लेकर आएगी।

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