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किसानों को बड़ी राहत, सरकार ने 653 करोड़ मुआवजा दिया

अन्नदाता के चेहरों की मुस्कान लाना ही हमारी असली दीपावली है : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव । मध्यप्रदेश राज्य के 13 जिलों  8.84 लाख किसानों को 653.34 करोड़ रुपये की मदद राशि सिंगल क्लिक से खातों में अंतरित



किसानों को पीला मोजेक से हुए नुकसान का पहली बार मिला सोयाबीन में मुआवजा।भोपाल, 4 अक्टूबर 2025।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि “किसानों की सेवा ही सच्ची सेवा है, किसानों के  चेहरे की मुस्कान ही हमारी असली दीपावली है।” उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हर दुख की घड़ी में किसानों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़ी है। कोई भी प्राकृतिक आपदा, कीट प्रकोप या बाढ़ हो — राज्य सरकार किसानों का साथ कभी नहीं छोड़ेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में वर्चुअल माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में किसानों को संबोधित कर रहे थे।


इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य के 13 जिलों के 8 लाख 84 हजार 772 किसानों को कुल 653.34 करोड़ रुपये की राहत राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से सीधे बैंक खातों में अंतरित की। इस राशि में अतिवृष्टि/बाढ़ से प्रभावित 3,90,167 किसानों को 331.34 करोड़ रुपये तथा पीला मोजेक/कीट व्याधि से प्रभावित 4,94,605 किसानों को 322 करोड़ रुपये की सहायता राशि शामिल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राहत सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि किसानों की आशा और आत्मविश्वास को पुनर्जीवित करने का प्रतीक है।

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🌾 किसानों के लिए बड़ी राहत — पहली बार पीला मोजेक मुआवजा


प्रदेश के इतिहास में पहली बार राज्य सरकार ने सोयाबीन में पीले मोजेक रोग से प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया है। इस निर्णय से किसानों में नई उम्मीद और भरोसा जगा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की मेहनत और जज्बा प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।

उन्होंने कहा — “किसानों पर जब कोई संकट आता है, तो सरकार का धर्म है कि वह उनके साथ खड़ी हो। जब तक आखिरी किसान को सहायता नहीं मिल जाती, हमारी सरकार चैन से नहीं बैठेगी।”


मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्राकृतिक आपदाओं और कीट प्रकोप से प्रभावित किसानों के लिए राहत राशि का वितरण पूरी पारदर्शिता से किया जा रहा है। किसानों के चेहरे पर खुशी लौटाना हमारी पहली प्राथमिकता है।

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🌱 खोई मुस्कान लौटाना हमारी प्राथमिकता


मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बीते कुछ माहों में अतिवृष्टि और कीट प्रकोप ने प्रदेश के कई जिलों में किसानों को गहरी चोट पहुंचाई। उनकी मेहनत से उगी फसलें नष्ट हो गईं। लेकिन आज उन्हें राहत की यह राशि देकर सरकार ने यह साबित किया है कि किसान अकेला नहीं है।

उन्होंने कहा — “किसानों के माथे का पसीना कभी व्यर्थ नहीं जाएगा। आपकी मेहनत ही प्रदेश को हरियाली और समृद्धि से भर देगी।”


मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा धान उत्पादक किसानों के लिए भी 4 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से 6.69 लाख किसानों के खाते में 337 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अंतरित की गई है। इसके अलावा, सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए भावांतर योजना भी शुरू की गई है ताकि एमएसपी से कम मूल्य मिलने पर नुकसान की भरपाई की जा सके।

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💧 भावांतर योजना से किसानों को मिलेगा सीधा लाभ

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि आज से ही सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए भावांतर योजना में पंजीयन प्रारंभ हो गया है।

अब यदि किसान अपनी सोयाबीन एमएसपी से कम मूल्य पर बेचते हैं, तो विक्रय मूल्य और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के अंतर की राशि अगले 15 दिनों में सीधे उनके बैंक खातों में जमा की जाएगी।

उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजार की स्थिति को देखते हुए इस बार सोयाबीन का अच्छा भाव मिलने की संभावना है।

इस वर्ष सोयाबीन की एमएसपी 5328 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है, जो पिछले वर्ष से 500 रुपये अधिक है।

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🌿 3.90 लाख किसानों को 371 करोड़ की राहत, पीला मोजेक से प्रभावित किसानों को 282 करोड़ की सहायता

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि बाढ़ और अतिवृष्टि से प्रभावित 3.90 लाख किसानों को 371 करोड़ रुपये की राहत राशि दी गई है, जबकि पीला मोजेक रोग से प्रभावित किसानों को 282 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता प्रदान की गई है।

इस सहायता राशि से किसानों के लिए खाद-बीज की खरीद आसान हो गई है और वे आगामी रबी सीजन की तैयारी कर सकेंगे।

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🪔 “आपने दीपावली से पहले ही हमारी दीपावली मना दी” – किसानों ने जताया आभार

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किसानों से संवाद भी किया। किसानों और जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा —

“मुख्यमंत्री जी, आपने दीपावली से पहले ही हमारी दीपावली मना दी। पहली बार हमें पीला मोजेक से हुए नुकसान की भरपाई मिली है। यह किसान हितैषी सरकार का प्रमाण है।”


मुख्यमंत्री ने किसानों को बधाई देते हुए कहा कि यह राहत राशि सिर्फ सहायता नहीं बल्कि प्रदेश के कृषि तंत्र को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने कहा — “राज्य सरकार किसानों के सुख-दुख में सदैव सहभागी रहेगी। किसानों की खुशी ही प्रदेश की खुशी है।”

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📍 जिलावार राहत राशि का विवरण

राज्य के विभिन्न जिलों में राहत राशि का वितरण इस प्रकार किया गया —


रतलाम जिला: 213.04 करोड़ रुपये राहत राशि, जिससे हजारों किसानों को राहत मिली।


नीमच जिला: 119.06 करोड़ रुपये से अधिक की मुआवजा राशि।


मंदसौर जिला: 267.30 करोड़ रुपये की सहायता राशि, जिससे सोयाबीन उत्पादक किसानों को बड़ा लाभ हुआ।


उज्जैन जिला: 44 लाख रुपये की राशि — किसानों ने कहा कि फसल कटने से पहले ही सरकार ने मदद की।


विदिशा जिला: 62 लाख रुपये राहत राशि, जिससे बारिश से प्रभावित किसानों को राहत मिली।


बुरहानपुर जिला: केला उत्पादक किसानों को 3.39 करोड़ रुपये मुआवजा, प्रति हेक्टेयर लगभग 2 लाख रुपये की राहत।


शहडोल जिला: 8935 सोयाबीन उत्पादक किसानों को 6.36 करोड़ रुपये की सहायता।


खंडवा जिला: अतिवृष्टि और पीला मोजेक से प्रभावित किसानों को 55 लाख रुपये की राहत।


बड़वानी जिला: 662 किसानों को 37 लाख रुपये मुआवजा राशि।


दमोह जिला: मक्का उत्पादक किसानों को 56 लाख रुपये की राहत राशि।


अलीराजपुर जिला: 49,000 किसानों को 41.55 करोड़ रुपये का मुआवजा।


मंडला जिला: धान और मक्का उत्पादक किसानों को 53 हजार रुपये की सहायता।


सिवनी जिला: मकान ढहने से प्रभावित किसान को 92 हजार रुपये की राहत राशि।


मुख्यमंत्री ने कहा कि शेष जिलों में सर्वेक्षण कार्य तेजी से जारी है और सर्वे पूरा होते ही सभी पात्र किसानों को सहायता राशि दी जाएगी।

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🌼 मुख्यमंत्री ने जताई संवेदना और कहा – सरकार हमेशा आपके साथ है


मुख्यमंत्री ने राहत राशि वितरण के दौरान खंडवा जिले में हुए हादसे पर संवेदना व्यक्त की और कहा कि सरकार हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025-26 में अब तक राज्य सरकार द्वारा विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों को कुल 229.45 करोड़ रुपये की सहायता राशि विभिन्न मदों में दी जा चुकी है।


डॉ. यादव ने कहा कि “यह सरकार किसानों की सरकार है। हम किसानों का कोई भी नुकसान नहीं होने देंगे। आपकी फसल, आपकी मेहनत और आपका सम्मान – सबकी रक्षा हमारी जिम्मेदारी है।

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🌾 किसान ही प्रदेश की समृद्धि की नींव


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विकास का असली आधार किसान हैं। उनकी मेहनत से ही खेतों में हरियाली और प्रदेश में समृद्धि आती है। उन्होंने कहा कि सरकार हर संभव कदम किसानों की भलाई और आत्मनिर्भरता की दिशा में उठा रही है।

उन्होंने कहा — “हमारा संकल्प है कि मध्यप्रदेश का हर किसान आत्मनिर्भर, समृद्ध और खुशहाल बने। किसानों की मुस्कान लौटाना ही हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि और सच्ची दीवाली है।”


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