PM Modi ने 62,000 करोड़ की योजना से युवाओं को दी नई उड़ान | PM-SETU Launch
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 62,000 करोड़ रुपये से अधिक की युवा-केंद्रित पहलों का शुभारंभ करते हुए कौशल दीक्षांत समारोह को संबोधित किया
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर 2025 — प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय कौशल दीक्षांत समारोह के अवसर पर 62,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न युवा-केंद्रित पहलों का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षा, कौशल विकास, उद्यमिता और रोजगार से संबंधित अनेक महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की शुरुआत की, जो भारत के युवाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
कार्यक्रम में देश भर के आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों) के लाखों छात्रों और बिहार के युवाओं एवं शिक्षकों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन रूप से भाग लिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह समारोह भारत द्वारा कौशल विकास को दी जाने वाली प्राथमिकता का प्रतीक है और युवाओं के भविष्य को नई दिशा देने वाला है।
पीएम-सेतु योजना: कौशल और रोजगार परिवर्तन की नई राह
प्रधानमंत्री ने 60,000 करोड़ रुपये के निवेश से शुरू की गई प्रधानमंत्री कौशल एवं रोजगार परिवर्तन (PM-SETU) योजना का शुभारंभ किया। यह योजना देश भर में 1,000 सरकारी आईटीआई संस्थानों को हब एंड स्पोक मॉडल में अपग्रेड करने का लक्ष्य रखती है। इसमें 200 हब आईटीआई और 800 स्पोक आईटीआई शामिल होंगे, जो आधुनिक ट्रेडों, डिजिटल लर्निंग सिस्टम, इनक्यूबेशन सुविधाओं और उन्नत प्रशिक्षण साधनों से लैस होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि “पीएम-सेतु योजना भारतीय युवाओं को वैश्विक कौशल मांगों से भी जोड़ेगी” और यह सुनिश्चित करेगी कि आईटीआई नेटवर्क न केवल वर्तमान उद्योग आवश्यकताओं को पूरा करे बल्कि अगले दस वर्षों में भविष्य की मांगों का भी अनुमान लगा सके।
योजना के प्रथम चरण में पटना और दरभंगा के आईटीआई को विशेष रूप से विकसित किया जाएगा। हब आईटीआई में नवाचार केंद्र, प्रशिक्षक प्रशिक्षण सुविधाएं, उत्पादन इकाइयां और प्लेसमेंट सेवाएं भी होंगी, जिससे युवाओं को उद्योग से सीधा लाभ मिलेगा।
1,200 कौशल प्रयोगशालाओं का उद्घाटन
प्रधानमंत्री ने देश भर में स्थापित 1,200 व्यावसायिक कौशल प्रयोगशालाओं का भी उद्घाटन किया। ये प्रयोगशालाएँ 400 नवोदय विद्यालयों और 200 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में स्थापित की गई हैं।
इन प्रयोगशालाओं का उद्देश्य ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के छात्रों को आईटी, ऑटोमोटिव, कृषि, इलेक्ट्रॉनिक्स, लॉजिस्टिक्स और पर्यटन जैसे 12 उच्च मांग वाले क्षेत्रों में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना है। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और सीबीएसई पाठ्यक्रम के अनुरूप है। प्रधानमंत्री ने बताया कि इस परियोजना में 1,200 व्यावसायिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि छात्रों को उद्योग-प्रासंगिक शिक्षा प्राप्त हो सके।
बिहार के लिए विशेष विकास पहलें
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने बिहार के युवाओं के लिए कई परिवर्तनकारी योजनाओं की घोषणा की। उन्होंने कहा कि “बिहार के युवाओं की ताकत राष्ट्र की मजबूती है” और राज्य में हो रहे बदलाव पूरे देश के लिए प्रेरणा हैं।
प्रधानमंत्री ने बिहार की पुनर्निर्मित मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना की शुरुआत की, जिसके अंतर्गत हर वर्ष लगभग 5 लाख स्नातक युवाओं को दो वर्ष के लिए ₹1,000 मासिक भत्ता और निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने पुनः डिज़ाइन की गई बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का भी शुभारंभ किया, जिसके तहत छात्रों को 4 लाख रुपये तक के ब्याज मुक्त शिक्षा ऋण मिलेंगे। अब तक 3.92 लाख छात्रों को इस योजना से ₹7,880 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण प्रदान किए जा चुके हैं।
युवाओं के समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने बिहार युवा आयोग का भी उद्घाटन किया, जो 18 से 45 वर्ष के युवाओं को सशक्त बनाने के लिए नीतिगत दिशा प्रदान करेगा।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने बिहार में जन नायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया, जो उद्योग उन्मुख पाठ्यक्रमों और व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय “कर्पूरी ठाकुर जी के समाज सेवा और शिक्षा समर्पण के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने का माध्यम बनेगा।”
उच्च शिक्षा और तकनीकी अवसंरचना को नई उड़ान
प्रधानमंत्री ने पीएम-उषा (प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान) के अंतर्गत बिहार के चार विश्वविद्यालयों — पटना विश्वविद्यालय, भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय (मधेपुरा), जय प्रकाश विश्वविद्यालय (छपरा) और नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय (पटना) — में नई शैक्षणिक और अनुसंधान सुविधाओं की आधारशिला रखी।
₹160 करोड़ की लागत से विकसित हो रही ये परियोजनाएँ 27,000 से अधिक छात्रों को लाभान्वित करेंगी। इन विश्वविद्यालयों में अत्याधुनिक प्रयोगशालाएँ, छात्रावास, और बहुविषयक शिक्षण अवसंरचना विकसित की जाएगी।
प्रधानमंत्री ने एनआईटी पटना के बिहटा परिसर को राष्ट्र को समर्पित किया। 6,500 छात्रों की क्षमता वाले इस आधुनिक परिसर में 5G उपयोग केस लैब, इसरो के सहयोग से क्षेत्रीय अंतरिक्ष शैक्षणिक केंद्र, और नवाचार एवं इनक्यूबेशन केंद्र जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जो पहले ही 9 स्टार्टअप्स को सहायता प्रदान कर चुका है।
रोजगार और छात्रवृत्ति वितरण
प्रधानमंत्री ने बिहार सरकार के 4,000 से अधिक नवनियुक्त उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री बालक/बालिका छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत कक्षा 9 और 10 के 25 लाख विद्यार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से ₹450 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति जारी की।
उन्होंने कहा कि सरकार ने मुद्रा योजना और प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोजगार योजना (₹1 लाख करोड़) जैसी पहलों से युवाओं के लिए रोजगार और स्व-रोजगार के अवसरों का विस्तार किया है, जिससे लगभग 3.5 करोड़ युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री का संदेश: "कौशल, नवाचार और कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं"
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का युवा आज अवसरों से भरे दौर में है, और देश की प्रगति का असली इंजन यही युवा शक्ति है। उन्होंने कहा कि “कौशल और ज्ञान जब राष्ट्रीय आवश्यकताओं से जुड़ते हैं, तो उनका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।”
उन्होंने गर्व से कहा कि देश के आईटीआई संस्थान न केवल औद्योगिक शिक्षा के केंद्र हैं बल्कि आत्मनिर्भर भारत की कार्यशालाएं हैं। वर्ष 2014 तक देश में जहाँ 10,000 आईटीआई थे, वहीं आज यह संख्या बढ़कर 15,000 से अधिक हो चुकी है। पिछले 11 वर्षों में 1.5 करोड़ से अधिक युवाओं ने आईटीआई में प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं की ऊर्जा और संकल्प ही “विकसित भारत” की नींव हैं और हर युवा को इस दिशा में योगदान देना चाहिए।
कार्यक्रम में शामिल प्रमुख हस्तियाँ
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री जयंत चौधरी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री श्री जुएल ओराम, श्री राजीव रंजन सिंह, श्री सुकांत मजूमदार और अन्य गणमान्य व्यक्ति वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई ये युवा-केंद्रित पहलें देश में शिक्षा, कौशल विकास, उच्चतर शिक्षा, तकनीकी नवाचार और रोजगार सृजन को एकीकृत करती हैं। बिहार पर विशेष ध्यान के साथ, ये योजनाएँ राज्य को कुशल जनशक्ति के केंद्र के रूप में स्थापित करेंगी और भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को साकार करने की दिशा में निर्णायक भूमिका निभाएंगी।
अस्वीकरण: यह जानकारी द्वितीयक शोध के माध्यम से एकत्र की गई है और landlevellers इसमें किसी भी त्रुटि के लिए जिम्मेदार नहीं है।
Post a Comment