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दीनदयाल अंत्योदय योजना: महिलाओं और ग्रामीण भारत की सशक्त कहानी

दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM): ग्रामीण सशक्तिकरण का नया खाका



ग्रामीण भारत के आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर मिशन

भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा संचालित दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) देश के सबसे सफल गरीबी उन्मूलन और महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों में से एक है। इस मिशन का उद्देश्य ग्रामीण गरीब परिवारों को आत्मनिर्भर बनाना, उन्हें स्थायी आजीविका से जोड़ना और आर्थिक रूप से सक्षम बनाना है। 2010 में शुरू हुए इस मिशन ने आज करोड़ों ग्रामीण परिवारों के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन लाया है।


10 करोड़ ग्रामीण परिवारों का सामूहिक सशक्तिकरण

मिशन के अंतर्गत अब तक 10.05 करोड़ ग्रामीण परिवारों को 90.9 लाख स्वयं सहायता समूहों (SHGs) में संगठित किया गया है। इन समूहों ने न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया है, बल्कि सामाजिक समानता, शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता के क्षेत्र में भी नई सोच विकसित की है।

इन स्वयं सहायता समूहों की सबसे बड़ी ताकत यह है कि इन्हें महिलाएं स्वयं संचालित करती हैं। क्रेडिट लिंकिंग, उद्यमिता प्रशिक्षण, कृषि एवं पशुपालन गतिविधियों, और सरकारी योजनाओं के लाभ तक पहुंच जैसे कार्य इन्हीं समूहों के माध्यम से होते हैं।


महिला किसानों और उद्यमियों की नई पहचान

DAY-NRLM ने ग्रामीण महिलाओं को ‘महिला किसान (Mahila Kisan)’ के रूप में सशक्त किया है। देशभर में अब तक 4.62 करोड़ महिलाएं इस पहल के तहत कृषि आधारित गतिविधियों से जुड़ी हैं। इन महिलाओं को कृषि साथी (Krishi Sakhi) और पशु साथी (Pashu Sakhi) जैसी प्रशिक्षित ग्रामीण कार्यकर्ता मदद प्रदान करती हैं। ये साथी सालभर कृषि तकनीक, पशुपालन, और बाजार जोड़ने में सहयोग देती हैं।

इसी तरह, Start-up Village Entrepreneurship Programme (SVEP) के तहत 3.74 लाख ग्रामीण उद्यमों की स्थापना की गई है। इन उद्यमों में हस्तशिल्प, फूड प्रोसेसिंग, ग्रामीण उत्पाद विपणन और स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जा रहा है।


वित्तीय समावेशन में महिलाओं की अग्रणी भूमिका

DAY-NRLM ने वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। देशभर की महिला स्वयं सहायता समूहों को अब तक ₹11 लाख करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया है। यह ऋण बिना किसी जमानत के और ब्याज सब्सिडी के साथ दिया गया है।

47,952 बैंक साथी (Bank Sakhis) ग्रामीण बैंकों में तैनात हैं जो SHG समूहों को बैंकिंग सेवाओं, ऋण प्राप्ति और वित्तीय साक्षरता में सहायता करती हैं। इन महिलाओं के प्रयासों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में विश्वास और पारदर्शिता बढ़ी है, जिसका प्रमाण 98% से अधिक ऋण पुनर्भुगतान दर है।


एक प्रेरणादायक उदाहरण: मेघालय की हैनीडामांकी कनाई

मेघालय की रहने वाली हैनीडामांकी कनाई की कहानी मिशन की सफलता का जीवंत उदाहरण है। 2020 में उन्होंने "किर्शनलांग" स्वयं सहायता समूह से जुड़कर हस्तनिर्मित साबुन बनाने का कार्य शुरू किया। मिशन और समूह के सहयोग से उन्होंने बैंक से ₹1.8 लाख का ऋण लिया और अपने व्यवसाय को विस्तार दिया।
आज वह न केवल सालाना ₹1 लाख से अधिक कमाती हैं, बल्कि अपने गांव की अन्य महिलाओं को भी प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बना रही हैं।


कौशल विकास से रोजगार तक – युवाओं के लिए अवसर

DAY-NRLM के अंतर्गत दो प्रमुख योजनाएँ ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार और उद्यमिता के अवसर उपलब्ध करा रही हैं:

  1. दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY):
    15–35 वर्ष की आयु के ग्रामीण युवाओं को उद्योग आधारित प्रशिक्षण और प्लेसमेंट प्रदान किया जाता है। अब तक 17.5 लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है और 11.48 लाख युवाओं को रोजगार मिल चुका है।

  2. ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (RSETI):
    बैंक प्रायोजित ये संस्थान 18–50 वर्ष के युवाओं को उद्यमिता प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। अब तक 56.69 लाख युवाओं को प्रशिक्षण और 40.99 लाख युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया है।


राज्यों का प्रदर्शन और उपलब्धियाँ

देश के कई राज्यों ने DAY-NRLM के कार्यान्वयन में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है:

  • उत्तर प्रदेश, बिहार और आंध्र प्रदेश ने सबसे अधिक महिलाओं को SHG नेटवर्क से जोड़ा है।
  • वित्तीय सहायता के मामले में उत्तर प्रदेश (₹1,23,326 लाख) और बिहार (₹1,05,132 लाख) अग्रणी हैं।
  • आंध्र प्रदेश ने SHGs को ₹34,83,725 लाख का बैंक ऋण वितरित कर देश में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।
  • महिला किसान कार्यक्रम में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश अग्रणी हैं, जबकि उद्यमिता कार्यक्रम (SVEP) में असम, केरल और पश्चिम बंगाल ने सराहनीय कार्य किया है।

उन्नत प्रशिक्षण और विपणन से आत्मनिर्भरता की ओर

सरकार SHG महिलाओं को विपणन एवं उन्नत कौशल प्रशिक्षण देने के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर ‘SARAS आजीविका मेला’ आयोजित करती है। हाल ही में 5–22 सितंबर 2025 को नई दिल्ली में आयोजित मेले में हजारों महिला उद्यमियों ने अपने उत्पाद प्रदर्शित किए।

इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (NIRD&PR) ने पिछले तीन वर्षों में 44 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए, जिनसे SHG सदस्यों की विपणन क्षमता और प्रबंधन कौशल में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।


समग्र विकास और सामाजिक परिवर्तन की दिशा में अग्रसर मिशन

DAY-NRLM न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक परिवर्तन का भी प्रतीक बन गया है। मिशन के तहत महिलाओं को घरेलू हिंसा, शिक्षा, पोषण, स्वच्छता और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर जागरूक किया जा रहा है। इससे ग्रामीण समाज में महिलाओं की भागीदारी और आत्मनिर्भरता दोनों में वृद्धि हुई है।


निष्कर्ष: आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत की ओर

दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने ग्रामीण भारत के सामाजिक और आर्थिक ढांचे को नई दिशा दी है। इसने महिलाओं को सशक्त किया, युवाओं को कौशल प्रदान किया और ग्रामीण समुदायों में स्थायी आजीविका के अवसर सृजित किए।

DAY-NRLM अब केवल एक योजना नहीं, बल्कि ‘आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत’ के निर्माण का सशक्त माध्यम बन चुकी है — जहाँ हर महिला आत्मविश्वास से भरी है, हर परिवार आत्मनिर्भर है और हर गांव विकास की नई कहानी लिख रहा है।


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