एनएफडीपी कार्यक्रम से मछुआरों को नई राहत | कोच्चि में केंद्रीय मंत्री का बड़ा ऐलान
केंद्रीय राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन ने कोच्चि में मत्स्य पालन आउटरीच कार्यक्रम का शुभारंभ किया; एनएफडीपी प्रमाणपत्र वितरित किए
भारत के मत्स्य पालन क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन ने आज केरल के एर्नाकुलम जिले के नजरक्कल में आयोजित मत्स्य पालन आउटरीच कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने मछुआरों, मत्स्य पालकों और हितधारकों को संबोधित करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य देशभर में राष्ट्रीय मत्स्य विकास कार्यक्रम (NFDP) के तहत पंजीकरण के महत्व को बढ़ावा देना और इससे मिलने वाले लाभों के बारे में व्यापक जागरूकता फैलाना है।
श्री कुरियन ने कहा कि केंद्र सरकार मछुआरों और मत्स्य पालकों के जीवनस्तर को उन्नत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने उपस्थित समुदाय से आग्रह किया कि वे एनएफडीपी के अंतर्गत पंजीकरण कराकर सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाएं, जिससे मत्स्य क्षेत्र में दीर्घकालिक विकास सुनिश्चित किया जा सके।
केरल के नौ तटीय गाँवों में विकसित होंगे आधुनिक मत्स्य केंद्र
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ने बताया कि केरल के नौ एकीकृत तटीय गाँवों को विशेष रूप से विकास के लिए चयनित किया गया है। इन गाँवों में प्रसंस्करण केंद्र, कियोस्क और सामुदायिक केंद्र जैसी अत्याधुनिक सुविधाएँ स्थापित की जाएंगी।
भारत बनेगा विश्व का सबसे बड़ा मत्स्य उत्पादक देश
श्री जॉर्ज कुरियन ने अपने संबोधन में यह भी उल्लेख किया कि भारत वर्तमान में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मत्स्य उत्पादक देश है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत को विश्व का सबसे बड़ा मत्स्य उत्पादक बनाने का संकल्प लिया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा,
“हमारा लक्ष्य केवल उत्पादन बढ़ाना नहीं है, बल्कि मत्स्य पालकों की आय को दोगुना करना और उन्हें आधुनिक तकनीक, अवसंरचना व विपणन सहायता प्रदान करना भी है।”
उन्होंने मछुआरों और मत्स्य पालकों से इस मिशन में भागीदार बनने और भारत को वैश्विक मत्स्य क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में सामूहिक प्रयास करने का आग्रह किया।
‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ता भारत
उन्होंने कहा कि मत्स्य क्षेत्र में विकास तभी संभव है जब केंद्र और राज्य सरकारें, स्थानीय निकाय, निजी क्षेत्र और मत्स्य समुदाय एकजुट होकर कार्य करें।
“मछुआरे हमारे समुद्री राष्ट्र की रीढ़ हैं। उनके सशक्तीकरण के बिना तटीय विकास और समुद्री अर्थव्यवस्था का विस्तार संभव नहीं है।”
किसान क्रेडिट कार्ड और एनएफडीपी प्रमाणपत्रों का वितरण
उन्होंने कहा कि केसीसी के माध्यम से मछुआरे अब कम ब्याज दरों पर ऋण प्राप्त कर सकेंगे, जिससे वे अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकेंगे और बेहतर मछली पालन तकनीक अपना सकेंगे।
स्थायी मत्स्य पालन और आजीविका संवर्धन पर जोर
उन्होंने बताया कि सरकार ने हाल के वर्षों में ब्लू इकोनॉमी, इंटीग्रेटेड कोस्टल विलेज डेवलपमेंट, और आधुनिक मत्स्य प्रसंस्करण अवसंरचना पर विशेष ध्यान दिया है, जिससे ग्रामीण तटीय अर्थव्यवस्था को नया आयाम मिला है।
हितधारकों के साथ संवाद और भविष्य की रणनीति
केंद्र सरकार की योजनाएँ: मत्स्य समुदाय के लिए नई ऊर्जा
उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का उद्देश्य मछुआरों की सुरक्षा, आजीविका, और आर्थिक सशक्तीकरण को सुनिश्चित करना है।
कार्यक्रम बना सरकार और समुदाय के बीच सीधा संवाद मंच
कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, राज्य सरकार के अधिकारियों, मत्स्य विभाग के विशेषज्ञों, और सैकड़ों मछुआरों ने भाग लिया।

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