देश का पहला सहकारी CBG प्लांट लॉन्च | अमित शाह ने दी हरित ऊर्जा और किसानों को नई दिशा
देश का पहला सहकारी मल्टी-फ़ीड कंप्रेस्ड बायोगैस संयंत्र : आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ऐतिहासिक कदम
महाराष्ट्र के अहिल्यानगर जिले के कोपरगांव में आज देश के पहले सहकारी मल्टी-फ़ीड कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) प्लांट का उद्घाटन हुआ। इस ऐतिहासिक अवसर पर केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर इस परियोजना का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस, उप-मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे और श्री अजित पवार, केन्द्रीय सहकारिता राज्य मंत्री श्री मुरलीधर मोहोल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
🌱 सहकारिता क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री अमित शाह ने कहा कि भारत के सहकारी चीनी मिलों के इतिहास में यह एक स्वर्णिम अध्याय है, जब महर्षि शंकरराव कोल्हे सहकारी साखर कारखाने में देश का पहला सहकारी सीबीजी और पोटाश ग्रैन्यूल निर्माण संयंत्र शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आने वाले समय में देशभर की 15 चयनित चीनी मिलों में भी इसी तरह के संयंत्र स्थापित किए जाएंगे, जिसके लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) पूर्ण सहयोग प्रदान करेगा।
श्री शाह ने कहा कि यह परियोजना न केवल सहकारिता आंदोलन को नई दिशा देगी, बल्कि ऊर्जा, कृषि और पर्यावरण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को भी साकार करेगी।
💡 किसानों के लिए क्रांतिकारी पहल – दलहन आत्मनिर्भरता मिशन
श्री अमित शाह ने बताया कि मोदी सरकार किसानों की समृद्धि के लिए निरंतर कार्यरत है। उन्होंने कहा कि 1 अक्टूबर को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ को मंजूरी दी है, जिसके तहत आने वाले छह वर्षों में ₹11,440 करोड़ खर्च कर भारत को दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यदि अरहर, उड़द और मसूर जैसी दालों के उत्पादक किसान NAFED और NCCF के साथ पंजीकरण करते हैं, तो उनकी पूरी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी जाएगी। इस निर्णय से महाराष्ट्र समेत देशभर के किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। इसके तहत सरकार दो करोड़ किसानों से शत-प्रतिशत एमएसपी पर दलहन खरीदेगी, साथ ही 1,000 प्रसंस्करण इकाइयाँ स्थापित की जाएँगी और 88 लाख उच्च गुणवत्ता वाले बीज किट वितरित किए जाएंगे।
📈 एमएसपी में ऐतिहासिक बढ़ोतरी
श्री शाह ने बताया कि हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में किसानों के हित में अनेक निर्णय लिए गए।
- मसूर की एमएसपी में ₹300 प्रति क्विंटल
- सरसों में ₹250 प्रति क्विंटल
- चना में ₹225 प्रति क्विंटल
- जौ में ₹170 प्रति क्विंटल
- गेहूं में ₹160 प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है।
उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में मोदी सरकार के नेतृत्व में ज्वार, बाजरा, तुअर, मूंग, सोयाबीन और कपास जैसी प्रमुख फसलों की एमएसपी में दोगुना या उससे अधिक वृद्धि हुई है।
🧾 किसानों के हित में जीएसटी सुधार
⚙️ आत्मनिर्भरता की दिशा में तकनीकी नवाचार
देश का यह पहला सहकारी कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) संयंत्र लगभग ₹55 करोड़ की लागत से स्थापित किया गया है। यह प्लांट प्रतिदिन 12 टन सीबीजी का उत्पादन करेगा और साथ ही गुड़ से 75 टन पोटाश का निर्माण करेगा।
श्री शाह ने कहा कि वर्तमान में भारत इन दोनों उत्पादों का आयात करता है। यह परियोजना आयात पर निर्भरता समाप्त कर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ठोस कदम है।
🔄 चक्रीय अर्थव्यवस्था का आदर्श उदाहरण
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि महर्षि शंकरराव कोल्हे सहकारी साखर कारखाना अब “चक्रीय अर्थव्यवस्था” (Circular Economy) का उत्कृष्ट उदाहरण बन गया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में शुरू हुआ सहकारी शक्कर आंदोलन अब नई दिशा में आगे बढ़ रहा है।
श्री शाह ने सुझाव दिया कि सभी चीनी मिलें इथेनॉल उत्पादन के साथ फलों के प्रसंस्करण का कार्य भी करें, जिससे किसानों की आय बढ़े और कारखानों को अतिरिक्त लाभ हो। उन्होंने याद दिलाया कि भारत का पहला गन्ना आधारित इथेनॉल संयंत्र भी यहीं स्थापित किया गया था।
🌿 हरित ऊर्जा, महिला सशक्तिकरण और शिक्षा में योगदान
श्री शाह ने कहा कि संजीवनी समूह ने हरित ऊर्जा और स्थिरता के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं।
- 100 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को जोड़ा गया है।
- 1,000 किसानों के लिए मत्स्य पालन परियोजना शुरू की गई है।
- 20,000 छात्रों के लिए संजीवनी यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई है।
- भारत का पहला ग्रामीण कॉल सेंटर भी यहीं शुरू किया गया, जिससे ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर मिले हैं।
🏛️ सहकारिता मंत्रालय ने बदली ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तस्वीर
श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने केन्द्र में सहकारिता मंत्रालय बनाकर देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है। तीन वर्षों में सहकारिता क्षेत्र ने अपनी पहचान मजबूत की है और आज यह ग्रामीण विकास का सशक्त स्तंभ बन चुका है।
🇮🇳 स्वदेशी अपनाने का आह्वान
श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने सभी देशवासियों से स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग का संकल्प लेने का आग्रह किया है। यदि 140 करोड़ भारतीय विदेशी वस्तुओं का उपयोग बंद कर दें और केवल स्वदेशी उत्पाद अपनाएँ, तो देश की अर्थव्यवस्था को अपार गति मिलेगी।
उन्होंने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था 11वें स्थान से चौथे स्थान पर पहुँच चुकी है और अब तीसरे स्थान की ओर अग्रसर है। यदि हमें विश्व में पहला स्थान हासिल करना है, तो स्वदेशी अपनाना ही एकमात्र रास्ता है।
🌳 पर्यावरण संरक्षण का संदेश
अपने संबोधन के अंत में श्री शाह ने प्रधानमंत्री मोदी जी के आह्वान का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को “एक पेड़ अपनी माँ के नाम और एक पेड़ धरती माँ के नाम” अवश्य लगाना चाहिए। यह अभियान जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसी चुनौतियों से निपटने में सहायक सिद्ध होगा।
✳️ निष्कर्ष
कोपरगांव में स्थापित यह पहला सहकारी मल्टी-फ़ीड कंप्रेस्ड बायोगैस संयंत्र भारत के सहकारिता आंदोलन के लिए एक नई दिशा है। यह न केवल हरित ऊर्जा उत्पादन की ओर कदम है, बल्कि किसानों, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पर्यावरण संरक्षण के बीच सामंजस्य का सशक्त प्रतीक भी है।
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