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भारत का रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन 2024-25: चावल–गेहूं–दलहन–तिलहन में ऐतिहासिक वृद्धि, किसानों को बड़ा फायदा

भारत में खाद्यान्न उत्पादन ने रचा इतिहास: 2024-25 में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, किसानों के परिश्रम और केंद्र सरकार की नीतियों का बड़ा योगदान



केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह ने नई दिल्ली में वर्ष 2024-25 के फसल उत्पादन के अंतिम अनुमान जारी करते हुए बताया कि भारत ने इस साल खाद्यान्न उत्पादन का अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने देश के किसान भाई-बहनों के निरंतर परिश्रम, तकनीकी अपनाने और सरकार द्वारा चलाई जा रही किसान-हितैषी योजनाओं को इस उपलब्धि का मुख्य आधार बताया।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि पिछले 10 वर्षों में खाद्यान्न उत्पादन में 106 मिलियन टन की जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2015-16 में जहां उत्पादन 251.54 मिलियन टन था, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर 357.73 मिलियन टन हो गया है। मंत्री ने कहा कि यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र की तीव्र प्रगति और किसानों को दी जा रही निरंतर सहायता का परिणाम है।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष चावल और गेहूं दोनों में रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। चावल उत्पादन 1501.84 लाख टन पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 123.59 लाख टन अधिक है। यही नहीं, गेहूं उत्पादन में भी ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है और यह बढ़कर 1179.45 लाख टन हो गया। यह पिछले वर्ष से 46.53 लाख टन ज्यादा है।

दलहन और तिलहन उत्पादन में भी इस वर्ष बेहद उत्साहजनक आंकड़े देखने को मिले। मूंग, सोयाबीन और मूंगफली—तीनों प्रमुख फसलों ने रिकॉर्ड आंकड़े छुए हैं। मूंग उत्पादन 42.44 लाख टन, सोयाबीन उत्पादन 152.68 लाख टन और मूंगफली उत्पादन 119.42 लाख टन तक पहुंच गया है, जो किसानों और कृषि अर्थव्यवस्था दोनों के लिए बड़ी उपलब्धि है। मंत्री ने कहा कि इन फसलों में हुई वृद्धि से देश की तिलहन आत्मनिर्भरता को मजबूती मिलेगी।

मक्का और श्री अन्न (मिलेट्स) के उत्पादन में भी महत्वपूर्ण बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मक्का उत्पादन 434.09 लाख टन और श्री अन्न 185.92 लाख टन अनुमानित है, जो पिछले वर्ष की तुलना में क्रमशः 57.44 लाख और 10.20 लाख टन अधिक है। इससे यह स्पष्ट होता है कि किसान तेजी से पोषक अनाज की खेती को अपना रहे हैं और बाजार में इनकी मांग लगातार बढ़ रही है।

कुल तिलहन उत्पादन भी नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है। वर्ष 2024-25 में कुल तिलहन उत्पादन 429.89 लाख टन अनुमानित है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 33.20 लाख टन अधिक है। मंत्री ने बताया कि मूंगफली और सोयाबीन के रिकॉर्ड उत्पादन ने इस वृद्धि में मुख्य भूमिका निभाई है। रेपसीड और सरसों का उत्पादन भी 126.67 लाख टन अनुमानित है, जो किसानों के लिए बड़ी राहत है क्योंकि तिलहन आय का एक प्रमुख स्रोत होते हैं।

फसलवार विस्तृत आंकड़े प्रस्तुत करते हुए मंत्री ने बताया कि:

  • कुल खाद्यान्न उत्पादन – 3577.32 लाख टन (रिकॉर्ड)
  • चावल – 1501.84 लाख टन
  • गेहूं – 1179.45 लाख टन
  • पोषक/मोटे अनाज – 639.21 लाख टन
  • मक्का – 434.09 लाख टन
  • दलहन – 256.83 लाख टन
  • श्री अन्न – 185.92 लाख टन
  • चना – 111.14 लाख टन
  • मूंग – 42.44 लाख टन
  • तूर – 36.24 लाख टन

तिलहन के अंतर्गत:

  • सोयाबीन – 152.68 लाख टन
  • मूंगफली – 119.42 लाख टन
  • रेपसीड एवं सरसों – 126.67 लाख टन

इसके अलावा अन्य प्रमुख फसलों में भी उल्लेखनीय उत्पादन रहा, जिसमें गन्ना 4546.11 लाख टन, कपास 297.24 लाख गांठें और पटसन एवं मेस्ता 88.02 लाख गांठें शामिल हैं।

मंत्री ने बताया कि सरकार की एमएसपी खरीद की गारंटी, विशेषकर तूर, उड़द, चना और मूंग जैसी फसलों में, किसानों में भरोसा बढ़ा रही है और वे आधुनिक तकनीक व उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का उपयोग करने में और अधिक रुचि ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता हमेशा किसानों की आय बढ़ाने और उत्पादन क्षमता को सुदृढ़ करने पर केंद्रित रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में शुरू किए गए ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ से आने वाले वर्षों में दलहन उत्पादन में और अधिक वृद्धि देखने को मिलेगी। साथ ही सरकार की विभिन्न किसान-कल्याणकारी योजनाएं, जैसे पीएम-किसान, पीएम-कृषि सिंचाई योजना, कृषि अवसंरचना परियोजनाएं और फसलों के वैज्ञानिक प्रबंधन ने उत्पादन में निरंतर सुधार सुनिश्चित किया है।

अंत में, केंद्रीय मंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर भावी रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने विश्वास जताया कि केंद्र सरकार की नीतियों, किसानों की मेहनत और नई तकनीकों के उपयोग से आने वाले वर्षों में भारत खाद्यान्न, दलहन और तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता को और मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि “कृषि और किसान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता हैं और सरकार निरंतर कारगर प्रयास करती रहेगी।”

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