PM-KISAN 21वीं किस्त जारी: छत्तीसगढ़ के 25 लाख किसानों को बड़ा फायदा
कोयंबटूर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम-किसान की 21वीं किस्त जारी की
छत्तीसगढ़ के धमतरी में आज किसानों और ग्रामीण विकास से संबंधित कई बड़े निर्णयों की घोषणा की गई, जिनका राज्य के लाखों किसानों पर सीधा सकारात्मक असर होगा। इस राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोयंबटूर से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) की 21वीं किस्त जारी की, जिसके माध्यम से छत्तीसगढ़ के 25 लाख किसानों के बैंक खातों में ₹500 करोड़ की राशि सीधे ट्रांसफर की गई। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, और हजारों किसान तथा जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ₹2,225 करोड़ की महत्वपूर्ण ग्रामीण सड़क परियोजनाओं का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (PMGSY) के तहत शुरू हुई इन परियोजनाओं के माध्यम से राज्य के करीब 780 गांवों को ऑल-वेदर सड़कों से जोड़ा जाएगा और 2,500 किलोमीटर नई पक्की सड़कें तैयार होंगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ग्रामीण भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को नई ऊंचाई मिली है और ग्रामीण सड़क नेटवर्क मजबूत होने से किसानों को अपनी फसल बाजार तक ले जाने में आसानी होगी।
इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ को नेशनल मखाना डेवलपमेंट बोर्ड के अंतर्गत शामिल करने की भी घोषणा हुई। इस फैसले से राज्य के किसानों को मखाना उत्पादन, प्रोसेसिंग, वैल्यू एडिशन और राष्ट्रीय स्तर पर विपणन की बड़ी सुविधाएं मिलेंगी। कृषि विविधीकरण को बढ़ावा देने वाले इस कदम से किसानों की आय में बढ़ोतरी होने की संभावना है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह निर्णय छत्तीसगढ़ के कृषि क्षेत्र में नई ऊर्जा लाएगा और राज्य के किसानों को बड़े बाजारों से जोड़ेगा।
केंद्रीय मंत्री ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लिए गए कई ऐतिहासिक निर्णयों जैसे अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना, महिला आरक्षण विधेयक, और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सुधारों का उल्लेख किया। साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी है। अमित शाह के नेतृत्व में चलाए गए अभियानों ने छत्तीसगढ़ में नक्सल गतिविधियों को "अंतिम चरण" तक पहुंचा दिया है, जिससे राज्य में शांति और विकास का रास्ता और तेज हुआ है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने बताया कि आज जारी हुई PM-Kisan की किस्त से 24,70,640 किसानों को लाभ मिला है और कुल ₹494 करोड़ की राशि किसानों, वन पट्टा धारकों तथा PVTG परिवारों के खातों में भेजी गई। साथ ही राज्य सरकार ने हाल ही में 2,75,000 नए किसानों को इस योजना के अंतर्गत पंजीकृत किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आर्थिक प्रगति को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 22 महीनों में राज्य सरकार ने किसानों के खातों में विभिन्न योजनाओं के तहत लगभग ₹1.25 लाख करोड़ की राशि ट्रांसफर की है। सरकार बनने के केवल 15 दिनों के भीतर ही 13 लाख किसानों को ₹3,716 करोड़ बोनस के रूप में जारी किए गए थे, जो राज्य सरकार की किसान-हितैषी नीति को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ आज देश में धान उत्पादन में अग्रणी राज्यों में शामिल है। राज्य सरकार धान को ₹3,100 प्रति क्विंटल की दर से खरीद रही है और किसानों को प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान बेचने की अनुमति दी गई है। इस वर्ष 149 लाख मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीद यह दर्शाती है कि किसानों का सरकार पर विश्वास लगातार मजबूत हुआ है। यह उपलब्धि राज्य में कृषि क्षेत्र के सशक्तिकरण और बेहतर नीतिगत समर्थन का परिणाम है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कृषक उन्नति योजना का विस्तार घोषित किया। इसके तहत अब दालों, तिलहनों और मक्का को भी योजना में शामिल किया गया है। जो किसान धान पर लाभ ले रहे हैं, वे इन फसलों पर भी लाभ प्राप्त कर सकेंगे। बटाईदार, लीज पर खेती करने वाले और डूबान क्षेत्रों के किसान भी अब इस योजना के दायरे में आएंगे। इससे राज्य में बहुफसली खेती और वित्तीय सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रोत्साहित मिलेट मिशन का लाभ छत्तीसगढ़ में बढ़ रहा है। कोदो-कुटकी और रागी की पारंपरिक खेती को नई पहचान मिल रही है। “JashPure” ब्रांड के तहत तैयार किए जा रहे महुआ लड्डू, कुटकी उत्पाद, और अन्य जैविक उत्पाद देशभर में लोकप्रिय हो रहे हैं, जिससे महिला स्व-सहायता समूहों को आर्थिक मजबूती मिली है।
उन्होंने कहा कि 2015 से लंबित 115 सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने हेतु ₹2,800 करोड़ की स्वीकृति दी गई है, जिससे लाखों किसानों को सिंचाई सुविधा मिलेगी और कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी। उन्होंने यह भी बताया कि GST में कमी के बाद राज्य में ट्रैक्टर और कृषि मशीनरी की खरीद बढ़ी है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होने का संकेत मिलता है।
कार्यक्रम में हजारों किसानों को कृषि उपकरण, स्वीकृति पत्र, कृषि किट और अन्य सामग्रियों का वितरण किया गया। साथ ही कृषि तकनीक, महिला स्व-सहायता समूह, PMGSY परियोजनाओं और आत्मनिर्भर भारत विषयों पर आधारित एक प्रदर्शन भी आयोजित की गई, जिसे किसानों ने बड़ी उत्सुकता से देखा।

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