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अक्टूबर 2025 में रिकॉर्ड ₹1.95 लाख करोड़ की जीएसटी वसूली | जानिए कौन से राज्य रहे आगे

अक्टूबर 2025 में रिकॉर्ड स्तर पर पहुँची जीएसटी वसूली – मजबूत अर्थव्यवस्था और बढ़ते उपभोग का प्रमाण

अक्टूबर 2025 में रिकॉर्ड ₹1.95 लाख करोड़ की जीएसटी वसूली | जानिए कौन से राज्य रहे आगे


भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2025 में देश की सकल जीएसटी वसूली ₹1,95,936 करोड़ तक पहुँच गई। यह पिछले वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाती है और भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती, बढ़ते उपभोग और प्रभावी कर प्रशासन का स्पष्ट संकेत है।


🔹 जीएसटी वसूली का विस्तृत विवरण

अक्टूबर 2025 में केंद्रीय जीएसटी (CGST) से ₹36,547 करोड़, राज्य जीएसटी (SGST) से ₹45,134 करोड़, संयुक्त जीएसटी (IGST) से ₹1,06,443 करोड़ और चुंगी (Cess) से ₹7,812 करोड़ की वसूली हुई। यह आंकड़े देश में जीएसटी संग्रह के उच्चतम स्तरों में से एक हैं।


🔹 प्रमुख राज्यों का योगदान

देश के पांच प्रमुख औद्योगिक और सेवा प्रधान राज्य — महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु और हरियाणा — ने मिलकर कुल राष्ट्रीय जीएसटी वसूली में लगभग 40% योगदान दिया। यह इन राज्यों की आर्थिक सक्रियता, औद्योगिक उत्पादन और सेवा क्षेत्र की मजबूती को दर्शाता है।

  • महाराष्ट्र की वसूली ₹1,10,910 करोड़ रही, जो 15% की वृद्धि है।
  • हरियाणा ने 22% की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की।
  • गुजरात ने 10% की वृद्धि के साथ मजबूत प्रदर्शन किया।
  • कर्नाटक और तमिलनाडु ने क्रमशः 4% और 1% की वृद्धि दर्ज की।

इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि भारत के औद्योगिक और उपभोग केंद्र राज्यों ने जीएसटी संग्रह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


🔹 राज्यों के प्रदर्शन में सकारात्मक रुझान

देश के अनेक राज्यों ने पिछले वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है।

  • बिहार (16%), उत्तराखंड (12%), असम (21%), और सिक्किम (27%) जैसे राज्यों ने तेज वृद्धि दर हासिल की।
  • कुछ राज्यों जैसे मणिपुर, मिजोरम और ओडिशा में मामूली गिरावट दर्ज की गई, लेकिन समग्र रूप से देशभर में जीएसटी वसूली में औसतन 9% की वृद्धि हुई।

यह सुधार राज्यों के राजस्व प्रबंधन, कर अनुपालन और डिजिटल जीएसटी नेटवर्क की प्रभावशीलता का परिणाम है।


🔹 आयात आधारित और घरेलू जीएसटी वसूली

आयात आधारित जीएसटी में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार और आयात गतिविधियों की सक्रियता को दिखाती है। वहीं घरेलू जीएसटी वसूली में हुई स्थिर वृद्धि से यह स्पष्ट होता है कि त्योहारी सीजन में उपभोग स्तर में बढ़ोतरी और आर्थिक गतिविधियों की निरंतरता बनी हुई है।


🔹 कर प्रशासन और अनुपालन में सुधार

जीएसटी नेटवर्क (GSTN) की तकनीकी सुदृढ़ता, ई-इनवॉयसिंग प्रणाली, और बेहतर निगरानी व्यवस्था ने कर चोरी पर नियंत्रण और राजस्व संग्रह में पारदर्शिता सुनिश्चित की है। इन सुधारों के चलते कारोबारियों का अनुपालन (Compliance) स्तर भी बढ़ा है, जिससे जीएसटी संग्रह लगातार नई ऊँचाइयों को छू रहा है।


🔹 निष्कर्ष

अक्टूबर 2025 की जीएसटी वसूली यह संकेत देती है कि भारत की अर्थव्यवस्था मज़बूत गति से आगे बढ़ रही है। बढ़ता उपभोग, व्यापारिक गतिविधियों में तेजी और कुशल कर प्रणाली ने मिलकर राजस्व वृद्धि को नई दिशा दी है।

इससे यह उम्मीद की जा सकती है कि चालू वित्त वर्ष 2025-26 में जीएसटी संग्रह में स्थायी वृद्धि जारी रहेगी, जो देश की राजकोषीय स्थिरता और आर्थिक विकास को और मजबूती प्रदान करेगी।


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