केंद्रीय गृह मंत्री व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रोहतक में ₹350 करोड़ का साबर डेयरी प्लांट उद्घाटन किया
गृहमंत्री एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने हरियाणा के रोहतक में ₹350 करोड़ की लागत से बने साबर डेयरी प्लांट का उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सहकारिता आंदोलन को मिल रही नई गति, वर्ष 2029 तक देश के हर पंचायत में होगी एक सहकारी समिति
रोहतक (हरियाणा), अक्टूबर 2025:
सहकारिता मंत्रालय ने किसानों की दशकों पुरानी मांग को किया पूरा
अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के किसानों की दशकों पुरानी मांग को पूरा करते हुए एक अलग सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की, जो किसानों, दुग्ध उत्पादकों और सहकारी संस्थाओं के सशक्तिकरण का माध्यम बन गया है। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में सहकारिता मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर देश में सहकारी ढांचे की नींव को मजबूत किया है। श्री शाह ने विश्वास व्यक्त किया कि वर्ष 2029 तक भारत के हर पंचायत में एक सहकारी समिति स्थापित होगी, जिससे गांव-गांव में आत्मनिर्भरता और समृद्धि का मार्ग खुलेगा।
350 करोड़ की लागत से बना देश का सबसे बड़ा डेयरी प्लांट
श्री शाह ने बताया कि साबर डेयरी ने 350 करोड़ रुपये की लागत से देश का सबसे बड़ा दही, योगर्ट, छाछ और मिठाई उत्पादन संयंत्र स्थापित किया है। यह प्लांट प्रतिदिन 150 मीट्रिक टन दही, 10 मीट्रिक टन योगर्ट, 3 लाख लीटर छाछ और 10,000 किलोग्राम मिठाइयों का उत्पादन करेगा। उन्होंने कहा कि यह संयंत्र न केवल हरियाणा बल्कि दिल्ली–एनसीआर क्षेत्र की डेयरी उत्पादों की मांग को भी पूरा करेगा।
साबर डेयरी की स्थापना गुजरात के साबरकांठा जिले में हुई थी और आज यह सहकारी मॉडल देशभर में सफल उदाहरण बन चुका है। वर्तमान में साबर डेयरी 9 राज्यों के लाखों दूध उत्पादक किसानों को जोड़ रही है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। गुजरात के त्रिभुवन भाई, भूरा भाई और गल्बा भाई जैसे किसानों ने सहकारिता की इस नींव को रखा था। आज गुजरात में 35 लाख महिलाएँ डेयरी सहकारिता के माध्यम से ₹85,000 करोड़ का वार्षिक व्यवसाय कर रही हैं।
डेयरी क्षेत्र में वैज्ञानिक तकनीक और नवाचार की जरूरत
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अमूल और साबर डेयरी ने मिलकर गुजरात में डेयरी क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों जैसे एम्ब्रियो ट्रांसफर और सेक्स डिटरमिनेशन पर उल्लेखनीय वैज्ञानिक कार्य किया है। उन्होंने हरियाणा सरकार से आग्रह किया कि इन आधुनिक तकनीकों को राज्य के पशुपालकों तक पहुँचाया जाए, ताकि दूध उत्पादन और गुणवत्ता दोनों में वृद्धि हो सके। इसके साथ ही श्री शाह ने कहा कि हरियाणा में मधुमक्खी पालन, जैविक खेती और बायोगैस उत्पादन जैसे नवाचारों को भी बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि गुजरात में बायोगैस के कई सफल प्रयोग किए गए हैं, जिन्हें हरियाणा में भी अपनाया जा सकता है।
डेयरी क्षेत्र में 70% की वृद्धि, भारत बना विश्व का अग्रणी दूध उत्पादक
श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में भारत का डेयरी क्षेत्र 70 प्रतिशत की दर से बढ़ा है, जिससे यह विश्व का सबसे तेजी से विकसित होने वाला डेयरी सेक्टर बन गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-15 में भारत में दुग्ध उत्पादक पशुओं की संख्या 8.6 करोड़ थी, जो अब बढ़कर 11.2 करोड़ हो गई है। दूध उत्पादन 146 मिलियन टन से बढ़कर 239 मिलियन टन तक पहुंच गया है। देशी नस्लों से दूध उत्पादन में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है—यह अब 29 मिलियन टन से बढ़कर 50 मिलियन टन तक पहुँच गया है।
8 करोड़ किसान जुड़े डेयरी क्षेत्र से
श्री शाह ने बताया कि आज भारत में 8 करोड़ किसान डेयरी क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, जो न केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत कर रहे हैं बल्कि ग्रामीण भारत की रीढ़ बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की मेहनत और सरकार की नीतियों के परिणामस्वरूप देश में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 124 ग्राम से बढ़कर 471 ग्राम प्रतिदिन हो गई है।
हरियाणा बना डेयरी उत्पादन में अग्रणी राज्य
श्री अमित शाह ने हरियाणा की सराहना करते हुए कहा कि दूध उत्पादन में यह राज्य हमेशा देश में पहले तीन स्थानों में रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों के परिणामस्वरूप भारत आज गर्व के साथ विश्व के सबसे बड़े दूध उत्पादक देश के रूप में खड़ा है।
श्वेत क्रांति 2.0 से जुड़े 75,000 नई डेयरी समितियाँ
श्री शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में सरकार ने ‘श्वेत क्रांति 2.0’ की दिशा में कदम बढ़ाया है। इसके तहत देशभर में 75,000 नई डेयरी समितियाँ स्थापित की जाएंगी, जबकि 46,000 मौजूदा डेयरी सहकारी समितियों को सशक्त बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश की वर्तमान दूध प्रसंस्करण क्षमता 66 मिलियन लीटर प्रतिदिन है, जिसे वर्ष 2028–29 तक बढ़ाकर 100 मिलियन लीटर प्रतिदिन करने का लक्ष्य रखा गया है। यह लक्ष्य पूरा होने पर किसानों, विशेषकर माताओं और बहनों की आय में कई गुना वृद्धि होगी
पशुपालन क्षेत्र में नई सहकारी समितियाँ और योजनाएँ
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मोदी सरकार ने हाल ही में तीन राष्ट्रीय सहकारी समितियों की स्थापना की है—एक पशु आहार उत्पादन के लिए, दूसरी जैविक खाद प्रबंधन के लिए और तीसरी मृत पशुओं के अवशेषों के उपयोग के लिए। इसके अलावा राष्ट्रीय गोकुल मिशन, राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम, पशुधन अवसंरचना विकास निधि और राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम जैसे मिशन देश के हर हिस्से में तेजी से चल रहे हैं।
आत्मनिर्भर डेयरी क्षेत्र की ओर भारत का सफर
श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत अब डेयरी प्लांट निर्माण में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने डेयरी प्लांट निर्माण और अनुसंधान एवं विकास की गति को तीन गुना बढ़ा दिया है, ताकि भारत निकट भविष्य में डेयरी उद्योग में पूरी तरह आत्मनिर्भर बन सके।
उन्होंने विश्वास जताया कि रोहतक का यह आधुनिक साबर डेयरी प्लांट न केवल हरियाणा बल्कि पूरे उत्तर भारत के दूध उत्पादक किसानों के लिए समृद्धि और आत्मनिर्भरता का केंद्र बनेगा। यह संयंत्र प्रधानमंत्री मोदी के “आत्मनिर्भर भारत” और “समृद्ध किसान, समृद्ध भारत” के संकल्प को साकार करेगा।
मुख्य विशेषताएँ:
- ₹350 करोड़ की लागत से तैयार देश का सबसे बड़ा डेयरी प्लांट
- प्रतिदिन 150 MT दही, 10 MT योगर्ट, 3 लाख लीटर छाछ और 10,000 किलो मिठाइयों का उत्पादन
- 9 राज्यों के लाखों किसान जुड़े साबर डेयरी से
- 8 करोड़ किसान डेयरी क्षेत्र में सक्रिय
- 70% वृद्धि दर के साथ भारत विश्व का अग्रणी डेयरी उत्पादक देश
- 2029 तक हर पंचायत में एक सहकारी समिति
- 75,000 नई डेयरी समितियाँ और 46,000 समितियों को सशक्त करने की योजना
- दूध प्रोसेसिंग क्षमता 100 मिलियन लीटर प्रतिदिन तक बढ़ाने का लक्ष्य
अस्वीकरण: यह जानकारी द्वितीयक शोध के माध्यम से एकत्र की गई है और landlevellers इसमें किसी भी त्रुटि के लिए जिम्मेदार नहीं है।
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