प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन के शीघ्र क्रियान्वयन के निर्देश — केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की उच्च स्तरीय बैठक
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने प्रधानमंत्री “धन-धान्य कृषि योजना” और “दलहन आत्मनिर्भरता मिशन” के समयबद्ध और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए।
तेजी से क्रियान्वयन के लिए 11 मंत्रालयों के मंत्रियों की बैठक होगी
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत कार्यों को गति देने के लिए वे शीघ्र ही 11 मंत्रालयों के मंत्रियों के साथ एक समन्वय बैठक करेंगे। इस बैठक में नीति आयोग, संबंधित मंत्रालयों के सचिवों और राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों की भी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी, ताकि योजना के लाभ सीधे किसानों तक पहुंच सकें।
100 आकांक्षी जिलों में कृषि क्रांति का लक्ष्य
प्रधानमंत्री “धन-धान्य कृषि योजना”, जो प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 11 अक्टूबर 2025 को नई दिल्ली के पूसा परिसर में प्रारंभ की गई थी, देश के 100 आकांक्षी जिलों में कृषि विकास को गति देने का एक ऐतिहासिक कदम है। यह योजना 11 मंत्रालयों की 36 उप-योजनाओं को एकीकृत कर कृषि क्षेत्र के समग्र विकास का लक्ष्य रखती है।
इस योजना को 6 वर्षों तक (वित्त वर्ष 2025–26 से 2030–31 तक) लागू किया जाएगा, जिसमें हर वर्ष ₹24,000 करोड़ का बजटीय प्रावधान किया गया है।
राज्यों के साथ समन्वय से होगी दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता
बैठक में दलहन आत्मनिर्भरता मिशन पर विशेष रूप से चर्चा हुई। श्री चौहान ने कहा कि इस मिशन का उद्देश्य भारत को दलहन उत्पादन में पूर्ण आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्यों के नोडल अधिकारियों के साथ शीघ्र बैठक आयोजित की जाए, ताकि मिशन के समयबद्ध क्रियान्वयन को सुनिश्चित किया जा सके।
इस मिशन के अंतर्गत जिला स्तरीय क्लस्टर बनाए जाएंगे, जिनके गठन में राज्यों से सहयोग लिया जाएगा। इन क्लस्टरों के माध्यम से दलहन उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन में नई तकनीक और वैज्ञानिक पद्धतियों को बढ़ावा मिलेगा।
दलहन आत्मनिर्भरता मिशन के प्रमुख लक्ष्य
यह मिशन 6 वर्षों की अवधि के लिए ₹11,440 करोड़ की वित्तीय सहायता से लागू किया जाएगा। इसके तहत भारत में दलहन क्षेत्र में निम्नलिखित वृद्धि का लक्ष्य निर्धारित किया गया है:
- दलहन क्षेत्रफल को 275 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 310 लाख हेक्टेयर करना।
- उत्पादन को 242 लाख टन से बढ़ाकर 350 लाख टन तक पहुंचाना।
- उत्पादकता को 1,130 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तक बढ़ाना।
इसके साथ ही, मिशन से कृषि क्षेत्र में लाखों रोजगार अवसर भी सृजित होंगे, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।
जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन पर जोर
केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि दोनों योजनाओं का लाभ तभी संभव है जब नीतियों का क्रियान्वयन जमीनी स्तर तक पहुंचे। उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य सरकारों, जिला प्रशासन और कृषि विभाग के बीच निरंतर समन्वय बनाए रखा जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि “समयबद्ध और पारदर्शी क्रियान्वयन से किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। इन योजनाओं से न केवल उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि किसानों की आय भी दोगुनी होगी।”
प्रधानमंत्री की दृष्टि – आत्मनिर्भर और समृद्ध किसान
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार का लक्ष्य किसानों को सशक्त, आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से सुदृढ़ बनाना है। ‘धन-धान्य कृषि योजना’ और ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ इसी दृष्टि का विस्तार हैं।
इन योजनाओं से न केवल कृषि उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था, खाद्य सुरक्षा और रोजगार सृजन में भी उल्लेखनीय सुधार होगा।
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